मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा कि मार्च के महीने में अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली की महिलाओं से वादा किया था कि उनके बैंक खाते में हर महीने 1,000 रुपये की सम्मान राशि आएगी। अगर अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार नहीं किया गया होता, उनके खिलाफ विरोधी पार्टियों ने षड्यंत्र नहीं रचा होता तो शायद अब तक कई किस्त महिलाओं के बैंक खाते में आ भी गई होती। लेकिन, अरविंद केजरीवाल जिस दिन जेल से बाहर से आए हैं, उन्होंने तभी से दिन-रात मेहनत की। हमारा मार्गदर्शन किया और आखिरकार हर मुश्किल के बावजूद आज अरविंद केजरीवाल ने अपना वादा पूरा किया है। लेकिन, देर होने का एक फायदा हुआ। कई महिलाएं इस दौरान उनके पास आई और उन्होंने कहा कि 1,000 रुपये की सम्मान राशि आज के दौर में कम पड़ेगी तो आज अरविंद केजरीवाल ने वादा किया है कि फिर से सरकार बनी तो चुनाव के बाद यह सम्मान राशि 1,000 रुपये से बढ़ाकर 2,100 रुपये की जाएगी और दिल्ली की हर महिला के बैंक खाते में 2,100 रुपए आएंगे।
द्वारा पूछे जाने पर कि सम्मान राशि की रकम बढ़ाने से बजट पर कितना असर पड़ेगा? इस पर दिल्ली की सीएम आतिशी ने जवाब देते हुए कहा कि आप याद करिए साल 2013 का वो समय, जब हमारा नारा था 'बिजली हाफ और पानी माफ' तो लोग कहते थे, केजरीवाल झूठ बोल रहे हैं, बिजली का बिल आधा थोड़ी हो सकता है, केजरीवाल झूठे वादे कर रहे हैं, केजरीवाल गुमराह कर रहे हैं। लेकिन, अब बिजली का बिल आधा करना तो छोड़िए हर महीने 38 लाख परिवारों का बिजली का बिल जीरो आता है। यह पांच साल से आ रहा है। अरविंद केजरीवाल जो वादा करते हैं, उस वादे को पूरा करके दिखाते हैं। आज वादा किया है कि हर महीने बैंक खाते में 2,100 रुपए आएंगे तो इसका मतलब है कि हर महिला के बैंक अकाउंट में 2,100 रुपये आएंगे ही आएंगे। दिल्ली की महिलाएं हमेशा से अरविंद केजरीवाल के साथ खड़ी थी, खड़ी हैं और खड़ी रहेंगी।
भाजपा द्वारा 'फ्री रेवड़ियों' पर लगातार सवाल उठाए जाने को लेकर सीएम आतिशी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी हम पर बजट पर असर पड़ने का सवाल उठा रही है, वह 22 राज्यों में सरकार चलाते हैं, वो 22 राज्यों में घाटे की सरकार चलाते हैं। दिल्ली देश की मात्र ऐसी सरकार है, जो मुनाफे में चलती है। दिल्ली देश की एकमात्र ऐसी सरकार है, जिसने 10 साल में अपना बजट ढाई गुना बढ़ा लिया। 2015 में जब हमारी सरकार बनी थी दिल्ली का बजट मात्र 30 हज़ार करोड़ होता था। आज 77,000 करोड़ का दिल्ली का बजट है। केंद्र सरकार से एक रुपए नहीं मिलने के बावजूद, हम ईमानदारी से सरकार चलाते हैं, इसलिए दिल्ली सरकार का राजस्व लगातार बढ़ता रहता है और ईमानदारी से कमाया हुआ पैसा दिल्ली के लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी को बेहतर बनाने में हम लगाते हैं।