उन्होंने से बात करते हुए कहा, "पहले जब मैंने 48,000 वोटों से जीत हासिल की थी। इस बार भी मेरी लड़ाई न कांग्रेस से है, न भाजपा से है, मेरी लड़ाई इस बात से है कि मैं इस चुनाव में और ज्यादा वोटों से जीतूं। मैंने क्षेत्र में बहुत काम किया है और लोगों के साथ व्यक्तिगत संबंध भी अच्छे बनाए हैं। इसी आधार पर मैं जनता के बीच जाऊंगा और उनसे आग्रह करूंगा कि इस बार मुझे और बेहतर समर्थन मिले। चुनावी मुद्दों की बात करें, तो मैं मंत्री होने के साथ-साथ विधायक भी हूं और विधायक के रूप में भी सत्ता के बीच में कुछ मुद्दे उठाऊंगा। पिछले पांच सालों में हमारी पार्टी और मैंने अपने क्षेत्र में जो काम किया है, उसे लेकर जनता के बीच जाऊंगा और पूछूंगा कि क्या वे हमारी मेहनत से संतुष्ट हैं या नहीं।"
उन्होंने कहा, "इस बार चुनाव में भाजपा पूरी ताकत लगा रही है और कांग्रेस भी चुनौती दे रही है। लेकिन,पिछले चुनाव में भी ऐसा ही माहौल था, जब सबको लग रहा था कि भाजपा आएगी, लेकिन वो आठ सीटों पर सिमट कर रह गई थी। अब यह लग रहा है कि केजरीवाल की लहर फिर से जोर-शोर से आएगी, क्योंकि लोग उन्हें पसंद कर रहे हैं। जनता के दिलों और दिमाग में अरविंद केजरीवाल बसे हुए हैं और उन्हें यह समझ में आ रहा है कि केजरीवाल ने जनता के हक में काम किया है। पार्टी ने फिर से मुझे मौका दिया है, जो मेरे काम पर विश्वास को दिखाता है। अब मेरी जिम्मेदारी और बढ़ गई है और मैं पूरी मेहनत से चुनाव में उतरूंगा। पार्टी के विश्वास को गलत नहीं साबित करूंगा और अच्छे वोटों से जीत हासिल करूंगा।
उन्होंने कहा, "अब मेरा काम और तेज होगा। पिछले 5 सालों से मैं और मेरे वालंटियर पूरी मेहनत से काम कर रहे थे, वे अब फिर से पूरी ताकत से मेरे साथ जुड़ेंगे।"