स्थानीय निवासी अनिल कुमार शान ने से बात करते हुए कहा, "किश्तवाड़ को नेताओं का गढ़ कहा जाता है। यहां 2014 के बाद जो भी निर्माण किया गया है, वह सब आधा अधूरा है। इलाके की सड़कें आधी-अधूरी हैं। यहां 2014 में 'फॉरेस्ट ट्रेनिंग सेंटर' के निर्माण का शुभारंभ किया गया। वह भी अधूरा है। शान ने बताया कि हमें फोन कॉल और मैसेज के जरिए लोगों ने बताया कि यहां आम लोगों के लिए रोजगार सृजन प्रोग्राम तो बनाए गए, लेकिन उनको आधा-अधूरा रखा गया। मुझे बड़े अफसोस से कहना पड़ रहा है कि डिपार्टमेंट के बड़े अधिकारी अभी तक साइट विजिट नहीं कर पाए हैं। तमाम अधिकारी यहां तक नहीं पहुंच पाए हैं। आप सड़कों को देखिए, वह भी खस्ताहाल है।"
उन्होंने कहा, " मैं जिले के अधिकारियों और जो नई सरकार के प्रतिनिधियों से अपील करता हूं कि ट्रेनिंग सेंटर और अन्य आधे-अधूरे विकास कार्यों को शीघ्र पूरा कराएं। यहां के बेरोजगार युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराएं।"