परिजनों ने आरोप लगाया है कि चंद्रावती देवी की हत्या डायन, जादू-टोना के संदेह में गांव के ही कुछ लोगों द्वारा की गई है। मृतका के पुत्र के अनुसार, 12 दिसंबर को उनकी मां गांव के पास जंगल में लकड़ी चुनने गई थी। वह देर तक नहीं लौटी तो उनकी तलाश शुरू हुई। इसके बाद शाम में उन्होंने स्थानीय थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी।
महिला के परिजनों ने शनिवार को जंगल में टूटी हुई चूड़ियां बरामद की थी। पास में जलावन लकड़ी का गट्ठर भी था। इसकी जानकारी उन्होंने पुलिस को दी तो जंगल में सघन तलाशी अभियान शुरू हुआ। इसी दौरान जंगल में एक जगह बंद बोरे में एक शव बरामद किया गया। शव चंद्रावती देवी का ही थी। एसडीपीओ सुरेश प्रसाद यादव ने बताया कि गुमशुदगी का मामला पहले ही दर्ज किया गया था और पुलिस लगातार छापेमारी कर रही थी। हत्या के कारणों की जांच की जा रही है।
महिला के परिजनों का कहना है कि गांव के कुछ लोग उनकी मां को डायन बताते थे और उन्हें कई बार जान से मारने की कोशिश कर चुके थे। कुछ महीने पहले भी गांव के कुछ लोगों ने घर पर हमला किया था। उस वक्त मां घर पर नहीं थी। इस घटना को लेकर भी उन्होंने गुमला थाने में आवेदन दिया था, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई थी।