कांग्रेस का कहना है कि दिल्ली का हाल काफी बदहाल है। कांग्रेस पार्टी पिछले 8-10 वर्षों से गंदगी और कूड़े के ढेर जैसी अव्यवस्था का मुद्दा उठाती रही है। इसके अलावा दिल्ली में अव्यवस्थित बिजली-पानी की सप्लाई, गंदा पानी, झुग्गी बस्तियों और अनधिकृत कॉलोनियों में खराब व्यवस्थाओं पर भी कांग्रेस ने चिंता जताई है। कांग्रेस का कहना है कि वह दिल्ली सरकार और अरविंद केजरीवाल पर दिल्ली की अनदेखी और निष्क्रियता का आरोप लगाती रही है।
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष देवेन्द्र यादव ने रविवार को कहा, "दिल्ली न्याय यात्रा के दौरान सभी 70 विधानसभाओं में 650 किलोमीटर से अधिक दिल्ली की हर सड़क, गली, नुक्कड़ और मोहल्लों का सफर करने पर मैंने दिल्ली की जनता के दुखों को नजदीक से महसूस किया है। केजरीवाल ने लोगों की भावनाओं से खेलकर जो सत्ता हासिल की, उसका दिल्ली के लोगों को नुकसान ही उठाना पड़ा। मुफ्त पानी, सस्ती बिजली के नाम पर गंदा पानी और महंगी बिजली मिल रही है। कॉलोनियों में गंदगी है, नालियां और सड़कें टूटी हुई हैं। लोग नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं। भारी-भरकम बिजली के बिलों से झुग्गी और अनधिकृत कॉलोनियों वाले ही नहीं, पूरी दिल्ली के लोग परेशान हैं।
यादव ने कहा कि उपराज्यपाल का पूरा सरकारी अमला लेकर भाजपा सांसद के साथ दौरा करने का औचित्य समझ से परे है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में लगातार बढ़ते अपराधों, महिलाओं पर हो रहे अत्याचार, रेहड़ी-पटरी वालों की अजीविका सुरक्षित करने के रेहड़ी-पटरी एक्ट पर कभी कोई बात न तो भाजपा सांसद करते हैं और न ही अरविन्द केजरीवाल।
देवेन्द्र यादव के मुताबिक, अरविन्द केजरीवाल ने दिल्ली को लंदन, पेरिस बनाने का दावा किया था। वहीं, उपराज्यपाल की मौजूदगी में प्रधानमंत्री ने दिल्ली में "जहां झुग्गी, वहीं मकान" का वादा किया था। लेकिन अब तक परियोजना को पूरा करने में भाजपा और आम आदमी ने संवेदनशीलता नहीं दिखाई। दोनों को गरीबों की केवल चुनावों से पहले ही याद आती है, बल्कि सत्ता हासिल करने बाद ये वंचित वर्ग और गरीबों को भूल जाते हैं।
उन्होंने कहा कि दिल्ली की कांग्रेस सरकार ने अपने 15 वर्षों के शासन में दिल्ली को विकास की नई उंचाइयों पर पहुंचाया था। परंतु अरविन्द केजरीवाल ने पिछले 11 वर्षों में भ्रष्टाचार और कुशासन से दिल्ली के करोड़ों लोगों के जीवन स्तर को धरातल पर लाकर खड़ा कर दिया है।