शिवसेना (यूबीटी) नेता उद्धव ठाकरे ने आरिफ बामने को मातोश्री में बुलाकर सम्मानित किया। इस दौरान उन्होंने आरिफ और उनके साथियों के साहस को सराहा और उनका आभार व्यक्त किया। आरिफ की बहादुरी और तत्परता की चर्चा नागपुर सेशन कोर्ट में भी हो चुकी है।
आरिफ बामने मुंबई पोर्ट ट्रस्ट (एमपीटी) में कार्यरत हैं और वह पूर्वा नाम की बोट चलाते हैं। हादसे वाले दिन उन्हें जैसे ही जानकारी मिली कि गेटवे ऑफ इंडिया से एलिफेंटा की ओर जाने वाली पैसेंजर बोट नीलकमल हादसे का शिकार हो गई है, वह तुरंत अपनी टीम के साथ मदद के लिए रवाना हो गए।
सोमवार को से बात करते हुए आरिफ बामने ने बताया कि हम अपने नियमित काम में थे, जब हमें यह जानकारी मिली कि एक नाव डूब रही है। हमें तुरंत उस जगह पर पहुंचने के लिए कहा गया। हम अपनी टीम के साथ तुरंत मौके पर पहुंचे और बिना किसी डर के आधे घंटे के भीतर करीब 25-30 लोगों को बचाया। इनमें ज्यादातर बच्चे और महिलाएं शामिल थीं। आरिफ ने आगे कहा था कि जब मैं अपनी टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंचा, तब तक कोस्ट गार्ड और नेवी की ओर से कोई मदद नहीं पहुंची थी। बोट में सवार लोगों में से कई डूब रहे थे और सहायता के लिए चीख रहे थे। इस कठिन परिस्थिति में हमने बहादुरी से काम लिया और लोगों को सुरक्षित किया।
इससे पहले कांग्रेस विधायक भाई जगताप ने सदन में आरिफ बामने की बहादुरी की सराहना करते हुए कहा कि राज्य सरकार को उन्हें उचित सम्मान देना चाहिए। आरिफ बामने और उनकी टीम ने असाधारण साहस दिखाया है और उनका योगदान पूरे समाज के लिए प्रेरणादायक है। उन्हें उनकी बहादुरी के लिए सम्मानित किया जाना चाहिए।
बता दें कि 18 दिसंबर को गेटवे ऑफ इंडिया से एलिफेंटा आइलैंड जा रही नीलकमल नामक पैसेंजर बोट से नौसेना की स्पीड बोट टकरा गई थी, जिसके बाद यह हादसा हुआ। यह घटना दोपहर 3 से 4 बजे के बीच की थी, जब नौसेना की बोट में इंजन टेस्टिंग का काम चल रहा था। अचानक बोट में खराबी आई और वह नीलकमल से टकरा गई। नीलकमल बोट में 100 से ज्यादा लोग सवार थे, जो गेटवे ऑफ इंडिया से एलिफेंटा आइलैंड तक यात्रा कर रहे थे।