सीएम आतिशी ने कहा है कि “आप बस मार्शलों की नियुक्ति की फाइल एलजी से साइन करवा दो, मैं अपनी पार्टी को मना लूंगी कि आपके ख़िलाफ़ रोहिणी में कोई उम्मीदवार न उतारें, मैं आपके लिए प्रचार भी करूंगी।" उन्होंने कहा है कि एलजी साहब के बार-बार मना करने के बाद भी बस मार्शलों ने हिम्मत नहीं हारी और लड़ाई लड़ते रहे। इस दौरान मंत्री सौरभ भारद्वाज और अन्य विधायकों ने इनका साथ दिया और इनकी बहाली के लिए अपनी गिरफ़्तारी तक दी।"
आतिशी ने आरोप लगाते हुए कहा है कि अरविंद केजरीवाल और मैंने एलजी साहब को कई पत्र लिखकर बस मार्शलों की तनख्वाह रोकने और उन्हें नौकरी से हटाने के फ़ैसले का विरोध किया, लेकिन उपराज्यपाल के कानों पर जूं नहीं रेंगी और उन्होंने 10 हज़ार से ज़्यादा बस मार्शलों को नौकरी से निकाल दिया। आतिशी ने महिला सुरक्षा का भी हवाला देते हुए कहा कि दिल्ली में जब कोई लड़की जब कोई महिला पढ़ाई करती है, कॉलेज जाती है, नौकरी पर जाते हैं तो डीटीसी बस के अंदर लड़कियों के साथ और महिलाओं के साथ जो दुर्व्यवहार होता था।
आतिशी ने कहा है कि मैं जब कॉलेज में थी और सोचा करती थी कि जो नेता बड़ी-बड़ी गाड़ियों में जाते हैं, इनको क्या मालूम कि बस में सफर करना लड़कियों के लिए कितना मुश्किल होता था। लेकिन दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार ने लड़कियों और उन महिलाओं का दर्द समझा है।
आतिशी ने कहा कि निर्भया कांड बस में ही हुआ था। उसके बाद से ही अरविंद केजरीवाल ने खुद इस बात को उठाया और एलजी साहब से मुलाकात करके बस में बस मार्शलों को तैनात करवाया। आतिशी ने आरोप लगाया है कि भारतीय जनता पार्टी को दिल्ली की महिलाओं की कोई फ़िक्र नहीं है और इसलिए वो बार बार इसमें अड़ंगा डाल रहे थे।
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