जुरेल की दोनों पारियों में संयम और तकनीकी समझ की झलक देखने को मिली, जिससे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के दबावों के लिए उनकी काबिलियत का पता चलता है। इस महीने के आखिर में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पांच मैचों की टेस्ट सीरीज के लिए सीनियर भारतीय टीम तैयार है, ऐसे में जुरेल का यह प्रदर्शन उन्हें टीम इंडिया में मौका दिला सकता है।
पहली पारी में 23 वर्षीय विकेटकीपर बल्लेबाज 11/4 के खराब स्कोर पर क्रीज पर उतरा। फिर, शुरुआत में धीमी और जुझारू बल्लेबाजी करते हुए जुरेल ने 186 गेंदों पर 80 रनों की शानदार पारी खेली।
उनकी दूसरी पारी भी उतनी ही प्रभावशाली रही, जब स्कोर 44/4 था और उन्होंने 122 गेंदों पर 68 रन बनाए। एक बार फिर टीम के शीर्ष क्रम के फ्लॉप होने के बाद, उन्होंने पारी को संभाला और नितीश कुमार रेड्डी के साथ 94 रन की ठोस साझेदारी करके टीम को 229 रन तक पहुंचने में मदद की।
दूसरे अनऑफिशियल टेस्ट से पहले इंडिया ए टीम में शामिल किए गए विकेटकीपर बल्लेबाज केएल राहुल दोनों पारियों में फ्लॉप रहे। भारतीय पारी की शुरुआत करने का मौका मिलने पर उन्होंने क्रमशः 4 और 10 रन बनाए।
मैच की दोनों परिस्थितियां कठिन थी, एमसीजी के आसमान में बादल छाए हुए थे और पिच ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों की मददगार थी। इन पारियों ने न केवल जुरेल की तकनीक और स्वभाव को दिखाया, बल्कि दबाव में उनकी परिपक्वता को भी दर्शाया।
दोनों पारियों में ठोस प्रदर्शन के बाद, भारत के पूर्व क्रिकेटर और कमेंटेटर आकाश चोपड़ा ने जुरेल को एक बल्लेबाज के रूप में प्लेइंग-11 में शामिल करने की वकालत की।