नरेश मीणा का आरोप था कि चुनावी प्रक्रिया में ईवीएम मशीन पर उनका चुनाव चिन्ह सही ढंग से नहीं दिखाई दे रहा था, और यह धुंधला दिख रहा था। इस मुद्दे को लेकर दोनों के बीच तीखी बहस हुई, जिसके बाद नरेश मीणा ने आपा खोते हुए एसडीएम को थप्पड़ मार दिया। इस घटना के बाद नरेश मीणा धरने पर बैठ गए और उनकी मांग थी कि कलेक्टर मौके पर आकर उनकी समस्याओं को सुने और कोई ठोस आश्वासन दें।
बताया जा रहा है कि धरने पर बैठे नरेश मीणा के समर्थकों के लिए भोजन और गद्दों से भरी पिकअप को जब पुलिस ने रोकने की कोशिश की, तो नरेश मीणा भड़क उठे और एसपी सांगवान से उलझ गए। इस दौरान जब पुलिसकर्मियों ने नरेश मीणा को पकड़ने की कोशिश की, तो उनके समर्थकों ने विरोध शुरू कर दिया।
समर्थक बवाल मचाते हुए नरेश मीणा को वहां से निकालने में सफल हो गए, लेकिन इसके बाद स्थिति और भी बिगड़ गई। पथराव और आगजनी के कारण हालात बेहद तनावपूर्ण हो गए। नरेश मीणा के समर्थकों ने पुलिस वाहनों में तोड़फोड़ की और दो पुलिस वाहनों समेत एक अन्य गाड़ी और करीब दस बाइकों को आग के हवाले कर दिया। इस दौरान पुलिस पर हुए पथराव में कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले दागने शुरू कर दिए।
इसके बाद नरेश मीणा समर्थक करीब 100 से ज़्यादा लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया है।
पुलिस अधिकारी मामले की गंभीरता से जांच कर रहे हैं। बताया जा रहा है अभी पुलिस इस मामले में और भी कई लोगों से पूछताछ कर सकती है।