शमी लम्बे समय से चोट के कारण क्रिकेट से बाहर थे। एंकल की सर्जरी के बाद उनकी रिहैब की प्रक्रिया अपेक्षाकृत ज़्यादा समय ले रही थी। उन्होंने पिछले छह महीनों में अधिकांश समय बेंगलुरु के राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) में बिताया है।पहले तो वह अपनी एंकल टेंडन की सर्जरी से रिकवर करने के लिए एनसीए में समय बिताया और फिर एंकल में सूजन और साइड-स्ट्रेन से उबरने के लिए वह एनसीए में थे।
बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफ़ी की शुरुआत से पहले (जो 22 नवंबर को पर्थ में शुरू होगी) शमी की फिटनेस पर बारीकी से नज़र रखी जा रही थी। हालांकि उन्हें पांच टेस्ट मैचों की सीरीज़ के लिए टीम में शामिल नहीं किया गया है। उस टीम के चयन से ठीक पहले शमी ने कहा था कि वह बंगाल के लिए एक-दो रणजी ट्रॉफ़ी मैच खेलकर ऑस्ट्रेलिया जाने की उम्मीद कर रहे थे। लेकिन अब वह अपनी फ़िटनेस साबित करने के लिए केवल एक ही रेड-बॉल मैच खेल सकते हैं, क्योंकि रणजी ट्रॉफ़ी सीजन को दो हिस्सों में बांटा गया है और सफे़द गेंद के टूर्नामेंट के शुरू होने से पहले सिर्फ एक ही राउंड बाकी है।
शमी सितंबर में बांग्लादेश के ख़िलाफ़ घरेलू श्रृंखला के दौरान वापसी के लिए तैयार थे और उन्हें दलीप ट्रॉफ़ी के लिए भी नामित किया गया था, लेकिन उस बीच उन्हें एक और झटका लगा, जिसकी जानकारी रोहित शर्मा ने भी दी थी। उनके बाएं घुटने में सूजन आ गई थी, जो उनके रिकवरी में एक रुकावट का कारण बनी।
अब अगर शमी अपनी फ़िटनेस को इस मैच के जरिए साबित करने में सफल हो पाते हैं, तो ऐसा हो सकता है कि ऑस्ट्रेलिया में भारत के पेस अटैक में उन्हें शामिल कर लिया जाए, जिसमें जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद सिराज, आकाशदीप, प्रसिद्ध कृष्णा और हर्षित राणा के रूप में पांच तेज़ गेंदबाज़ शामिल हैं।
शमी की वापसी पर बंगाल क्रिकेट एसोशिएसन की तरफ़ से जारी प्रेस रिलीज़ में कहा गया है, "भारतीय क्रिकेट और बंगाल रणजी ट्रॉफ़ी टीम के लिए एक बड़ी खु़शख़बरी के रूप में स्टार पेसर मोहम्मद शमी बुधवार से इंदौर में शुरू हो रहे रणजी ट्रॉफ़ी के एलीट ग्रुप सी मैच में मध्य प्रदेश के ख़िलाफ़ बंगाल के लिए प्रतिस्पर्धात्मक क्रिकेट में वापसी करेंगे। शमी का बंगाल टीम में शामिल होना न केवल टीम के लिए एक बड़ा प्रोत्साहन होगा, बल्कि यह पूरे दल के मनोबल को भी बढ़ाएगा, जिसका लक्ष्य रणजी ट्रॉफ़ी के अगले चरण में प्रवेश करना है।"