मैच का दूसरा दिन पूरी तरह ऑस्ट्रेलिया के नाम रहा। उनकी तरफ़ से दो शतक लगे और पहली पारी में 400 का स्कोर इस पिच पर बहुत मुश्किल होगा, ख़ासकर भारतीय बल्लेबाज़ों के फ़ॉर्म को देखते हुए। बुमराह ने आख़िरी सत्र में नई गेंद के साथ चार विकेट लेकर भारत की वापसी की कोशिश कराई, लेकिन पैट कमिंस और एलेक्स कैरी ने बताया कि वापसी की बातें बेमानी हैं।
भारत की तरफ़ से आकाश दीप ने अच्छी गेंदबाज़ी ज़रूर की, लेकिन उन्हें विकेट नहीं मिला। बाक़ी का कोई गेंदबाज़ उतना छाप नहीं छोड़ सका। भारत की तरफ से बुमराह ने 72 रन पर पांच विकेट लिए जबकि मोहम्मद सिराज और नितीश कुमार रेड्डी को एक-एक विकेट मिला।
ट्रेविस हेड ने पिछले मैच में 140 रन बनाये थे जो मैच को ऑस्ट्रेलिया की तरफ मोड़ने में महत्वपूर्ण साबित हुए थे। उन्होंने अपनी उसी फॉर्म को बरकरार रखते हुए एक और बेहतरीन शतक जड़ा। हेड ने 160 गेंदों की अपनी तेज-तर्रार पारी में 18 चौके लगाए। उन्होंने स्मिथ के साथ चौथे विकेट के लिए 303 गेंदों में 241 रन की साझेदारी कर ऑस्ट्रेलिया को मजबूत स्थिति में पहुंचा दिया। स्मिथ ने संयम के साथ खेलते हुए 190 गेंदों पर 101 रन में 12 चौके लगाए।
दूसरे दिन स्टंप्स तक एलेक्स कैरी 45 रन बनाकर नाबाद थे जबकि उनके साथ मिचेल स्टार्क सात रन बनाकर क्रीज पर थे। कप्तान पैट कमिंस 20 रन बनाकर आउट हुए लेकिन कैरी और कमिंस ने सातवें विकेट के लिए 58 रन की बेहतरीन साझेदारी कर डाली।
ऑस्ट्रेलिया ने सुबह बिना कोई विकेट खोये 28 रन से आगे खेलना शुरू किया लेकिन 38 रन तक दो विकेट और 75 रन तक जाते-जाते तीसरा विकेट गंवा दिया। लेकिन इसके बाद हेड और स्मिथ ने दोहरी शतकीय साझेदारी कर भारत की मैच पर से पकड़ कमजोर कर दी। बुमराह ने पहले दो विकेट लिए और फिर स्मिथ तथा हेड को भी पवेलियन भेजा। नितीश ने मार्नस लाबुशेन को आउट किया। लाबुशेन ने 12 रन बनाये।
बुमराह ने मिचेल मार्श को आउट कर ऑस्ट्रेलिया का स्कोर छह विकेट पर 327 रन कर दिया। लेकिन कैरी और कमिंस ने सातवें विकेट के लिए 58 रन जोड़कर ऑस्ट्रेलिया को चार सौ के करीब पहुंचा दिया। सिराज ने कमिंस को विकेटकीपर के हाथों कैच कराकर मेजबान टीम का सातवां विकेट गिरा दिया। लेकिन कैरी फिर स्टार्क के साथ ऑस्ट्रेलिया को दिन की समाप्ति तक 405 के स्कोर तक ले गए।