पैन 2.0 परियोजना का उद्देश्य टैक्सपेयर रजिस्ट्रेशन सर्विस में टेक्नोलॉजी बेस्ड बदलाव लाना है और इसके कई महत्वपूर्ण लाभ हैं।
परियोजना के साथ बेहतर गुणवत्ता के साथ आसान पहुंच और सर्विस की तेज डिलिवरी सुनिश्चित होगी। इसके अलावा, यह डेटा और सत्यापन का सिंगल सोर्स होगा। यह परियोजना पैन कार्ड के इको-फ्रेंडली प्रॉसेस और कॉस्ट ऑप्टिमाइजेशन के साथ सिक्योरिटी को लेकर महत्वपूर्ण है।
कैबिनेट विज्ञप्ति के अनुसार, "यह टैक्सपेयर रजिस्ट्रेशन सर्विस के बिजनेस प्रॉसेस को दोबारा से तैयार करने के लिए एक ई-गवर्नेंस प्रोजेक्ट है, जो कि पैन और टैन सर्विस के टेक्नोलॉजी-ड्रिवन ट्रांसफॉर्मेशन से जुड़ा है। इसका उद्देश्य टैक्सपेयर के डिजिटल एक्सपीरियंस को बेहतर बनाना है। यह मौजूदा पैन/टैन 1.0 इकोसिस्टम का अपग्रेड होगा, जो कि मुख्य और गैर-मुख्य पैन/टैन एक्टिविटीज के साथ-साथ पैन वेरिफिकेशन सर्विस से जुड़ा होगा।"
सीसीईए ने आगे कहा कि पैन 2.0 परियोजना सरकारी एजेंसियों के सभी डिजिटल सिस्टम के लिए एक सामान्य पहचानकर्ता के रूप में पैन के इस्तेमाल को आसान बनाना है, जो कि सरकार के डिजिटल इंडिया विजन को लेकर महत्वपूर्ण है।
इस बीच, आयकर विभाग को चालू वित्त वर्ष के लिए केंद्रीय बजट में निर्धारित 22.07 लाख करोड़ रुपये के प्रत्यक्ष कर संग्रह लक्ष्य को पार करने की उम्मीद है।
सीबीडीटी के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, "चालू वित्त वर्ष के दौरान 1 अप्रैल से 10 नवंबर तक भारत का शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह, जिसमें कॉरपोरेट कर और व्यक्तिगत आयकर शामिल हैं, 15.4 प्रतिशत बढ़कर 12.1 लाख करोड़ रुपये हो गया।"
चालू वित्त वर्ष के दौरान सरकार ने 22.07 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है, जिसमें 10.20 लाख करोड़ रुपये कॉरपोरेट कर से और 11.87 लाख करोड़ रुपये व्यक्तिगत आयकर, गैर-कॉरपोरेट कर और अन्य करों से जुटाए जाएंगे।