हरनौत प्रखंड के चखमिंद पंचायत के बिरजू मिल्की गांव निवासी रामजी सिंह ने चखमिंद गांव के खेत में धान की कटाई के बाद एक बीघा जमीन पर पराली जलाई थी। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए अनुमंडल कृषि पदाधिकारी, बिहार शरीफ ने रामजी सिंह के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई है। यह कार्रवाई पराली जलाने से होने वाले पर्यावरणीय नुकसान को रोकने और किसानों को जागरूक करने के लिए की गई है।
प्रशासन ने किसानों से अपील की है कि वे पराली जलाने से बचें और इसके प्रबंधन के लिए वैकल्पिक उपाय अपनाएं। इससे न केवल पर्यावरण सुरक्षित रहेगा, बल्कि मिट्टी की उर्वरता भी बनी रहेगी। बिहार सरकार ने पराली जलाने वाले किसानों पर कई तरह की कार्रवाई शुरू कर दी है। किसानों को इसके लिए जागरूक भी किया जा रहा है। हाल ही में रोहतास जिले में तीन हजार से अधिक किसानों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें अगले तीन वर्षों तक सभी सरकारी योजनाओं से वंचित कर दिया गया। इन योजनाओं में धान खरीद, किसान डीबीटी के तहत मिलने वाले अनुदान सहित अन्य सुविधाएं शामिल हैं।
सरकार ने यह कदम पर्यावरण को बचाने और वायु प्रदूषण पर नियंत्रण करने के उद्देश्य से उठाया है। बताया जा रहा है कि सैटेलाइट के जरिए फसल अवशेष जलाने की घटनाओं पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है, जिन किसानों ने खेतों में पराली जलाई है, उनकी पहचान सैटेलाइट तस्वीरों के माध्यम से की जा रही है और उस पर तत्काल कार्रवाई की जा रही है।
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