इस संदर्भ में रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को बताया कि श्रीलंकाई नौसेना ने जानकारी दी थी कि श्रीलंका झंडे वाले मछली पकड़ने वाले जहाजों द्वारा नशीले पदार्थों की तस्करी की जा रही है। इस जानकारी पर भारतीय नौसेना ने तेजी से प्रतिक्रिया की। श्रीलंकाई नौसेना से प्राप्त जानकारी के आधार पर, भारतीय नौसेना ने नावों को स्थानीयकृत करने और रोकने के लिए एक समन्वित अभियान प्रारंभ किया।
सूचना संलयन केंद्र (हिंद महासागर क्षेत्र), गुरुग्राम से मिले इनपुट के आधार पर भारतीय नौसेना के लंबी दूरी के समुद्री गश्ती विमान और दूर से संचालित विमान द्वारा निगरानी शुरू की। अपने प्रयासों को बढ़ाने के लिए भारतीय नौसेना के एक जहाज को भी तैनात किया गया। श्रीलंकाई नौसेना के इनपुट और भारतीय नौसेना के विमान द्वारा हवाई निगरानी के आधार पर दो नावों की पहचान की गई।
रक्षा मंत्रालय ने बताया कि दो नावों की पहचान के बाद जहाज और विमान के एक समन्वित ऑपरेशन में, दोनों नावों को जहाज की बोर्डिंग टीम द्वारा घेर लिया गया। तलाशी के दौरान लगभग 500 किलोग्राम नशीले पदार्थों (क्रिस्टल मेथ) की जब्ती हुई।
रक्षा मंत्रालय का कहना है कि मादक द्रव्य विरोधी अभियानों के संचालन के लिए बलों को बढ़ाया गया था। इसके लिए एक अतिरिक्त नेवी जहाज को भी काम सौंपा गया था। पकड़े गए चालक दल और जब्त किए गए नशीले पदार्थों सहित दोनों नौकाओं को आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए श्रीलंकाई अधिकारियों को सौंपा जा रहा है।
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक यह ऑपरेशन दोनों देशों और नौसेनाओं के बीच विकसित घनिष्ठ साझेदारी और संबंधों की पुष्टि करता है। यह क्षेत्रीय समुद्री चुनौतियों से निपटने और हिंद महासागर क्षेत्र में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए दोनों नौसेनाओं के संयुक्त संकल्प का भी प्रतीक है।