योनहाप समाचार एजेंसी के अनुसार, संयुक्त चीफ ऑफ स्टाफ के उप प्रवक्ता कर्नल नाम गी-सू ने एक बयान में कहा, "उत्तर कोरिया की गतिविधियां हद पार कर रही हैं। हम एक बार फिर सख्त चेतावनी देते हैं कि आने वाली परिस्थितियों की सारी जिम्मेदारी उत्तर कोरिया की ही होगी।" उन्होंने कहा, 'हमारी सेना के धैर्य की और परीक्षा मत लीजिए।'
यह बयान ऐसे समय में आया है जब उत्तर कोरिया ने मई के अंत से अब तक सीमा पार कचरे से भरे 7,000 से अधिक गुब्बारे भेजे हैं। दक्षिण कोरिया में कार्यकर्ताओं की सीमा पार भेजे गए प्योंगयांग विरोधी प्रचार पत्रकों के जवाब में उत्तर कोरिया ने गुब्बारे भेजने शुरू किए थे।
उत्तर कोरिया ने तीन सप्ताह के अंतराल के बाद सोमवार की सुबह गुब्बारा अभियान फिर से शुरू किया। पिछले महीने कुछ गुब्बारे, जिनमें राष्ट्रपति यूं सुक येओल और प्रथम महिला किम कीन ही की आलोचना करने वाले पत्र शामिल थे, प्रेसिडेंशियल कंपाउंड में उतरे थे।
इस बीच उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग-उन ने कहा कि देश की परमाणु ताकत बढ़ाने के लिए कोई सीमा तय नहीं है, इसके साथ ही हमें युद्ध की तैयारियां पूरी करने की जरुरत है। उनका कहना है कि देश के दुश्मनों ने उत्तर कोरिया के साथ 'उन्मादी' सैन्य टकराव बढ़ा दिया है।
योनहाप समाचार एजेंसी ने कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी (केसीएनए) के हवाले से बताया कि किम ने यह टिप्पणी शुक्रवार को कोरियाई पीपुल्स आर्मी (केपीए) के बटालियन कमांडरों और राजनीतिक प्रशिक्षकों के चौथे सम्मेलन के दौरान की।
केसीएनए ने रिपोर्ट दी कि उत्तर कोरिया के नेता ने 'एक उग्र नारा दिया है', जिसे डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया (डीपीआरके) के सशस्त्र बलों की तरफ से सभी स्तरों पर बुलंद रखा जाना चाहिए, ताकि क्रांति की जरुरतों और मौजूदा हालात के मुताबिक युद्ध की तैयारियों को पूरा करने के लिए सभी प्रयासों को केंद्रित किया जा सके।"
डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया (डीपीआरके) उत्तर कोरिया का आधिकारिक नाम है।