समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, यूरोपीय संघ के विदेश मामलों और सुरक्षा नीति के उच्च प्रतिनिधि जोसेफ बोरेल ने पुष्टि की कि यूक्रेन को रूसी क्षेत्र में 300 किलोमीटर तक अंदर तक हमला करने की अमेरिकी अनुमति मिल गई है।
उन्होंने यह भी कहा कि यूरोपीय संघ के विदेश मंत्रियों ने यूक्रेन के लिए सैन्य और वित्तीय सहायता पर चर्चा की।
बोरेल ने कहा कि अमेरिकी फैसले पर, यूरोपीय संघ के देशों में आम सहमति नहीं बन सकी है।
बोरेल ने मंत्रिस्तरीय बैठक के बाद कहा, "आज इस मुद्दे पर कोई राय नहीं बन सकी है। प्रत्येक देश अपना निर्णय स्वयं लेता है।"
इस बीच, जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज ने सोमवार को यूक्रेन को लंबी दूरी की मिसाइलें न देने के अपने फैसले को दोहराया।
इसके अलावा, सोमवार को फेसबुक पर पोस्ट किए गए एक बयान के अनुसार, हंगरी के विदेश मंत्री पीटर सिज्जार्टो ने यूक्रेन को अमेरिका से मिली लंबी दूरी की मिसाइलों के उपयोग के लिए व्हाइट हाउस की मंजूरी को एक 'बेहद खतरनाक' कदम बताया, जिससे संघर्ष बढ़ सकता है।
ज्ञात हो कि यूक्रेन को लंबी दूरी की अमेरिकी मिसाइलों का इस्तेमाल करने की अनुमति मिलने से रूस ने नाराजगी व्यक्त की है। क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा था कि अमेरिका के इस फैसले से तनाव में बढ़ोतरी का नया दौर शुरू होगा।
रूस की सरकारी न्यूज एजेंसी तास के मुताबिक पेस्कोव ने कहा था, "यदि ऐसा निर्णय वास्तव में लिया गया है और कीव शासन को सूचित किया गया है, तो, निश्चित रूप से, यह तनाव में वृद्धि का एक नया दौर होगा।'
प्रवक्ता ने कहा कि मॉस्को की स्थिति सभी के लिए बिल्कुल स्पष्ट होनी चाहिए। उन्होंने कहा, "ये संकेत पश्चिम को मिल चुके हैं और राष्ट्रपति ने भी इन्हें अपना स्वर दिया है।"
बता दें 12 सितंबर को, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा था रूस के खिलाफ पश्चिमी लंबी दूरी के हथियारों का इस्तेमाल करने के संभावित फैसले का मतलब यूक्रेन युद्ध में संयुक्त राज्य अमेरिका और अन्य नाटो देशों की सीधी भागीदारी से कम कुछ नहीं होगा।