मोतिहारी एसपी स्वर्ण प्रभात ने इसके लिए एक आदेश और फॉर्मेट भी जारी किया है। शिकायतकर्ता को अपने केस की प्रगति संबंधित जानकारी लेने के लिए एक आवेदन देना होगा। आवेदन पुलिस अधीक्षक के कार्यालय में क्राइम हेल्प डेस्क, अनुसंधानकर्ता या मोतिहारी पुलिस के हेल्पलाइन नंबर पर करना होगा। आवेदन के बाद तत्काल केस से जुड़ी कार्रवाई की सभी जानकारियां 24 घंटे के अंदर मिल जाएंगी।
देश भर में एक जुलाई को नया आपराधिक कानून लागू हुआ। 'भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता' (बीएनएसएस) की धारा 193 उप-खंड (3)(ii) के माध्यम से एक विशिष्ट प्रावधान किया गया, जो पुलिस को 90 दिनों की अवधि के भीतर पीड़ित या शिकायतकर्ता को जांच की प्रगति के बारे में सूचित करने के लिए बाध्य करता है।
अब मोतिहारी में आवेदन करने के साथ ही केस से जुड़ी जानकारी मिलेगी। दावा किया जा रहा है कि बिहार में यह पहला जिला होगा, जहां पीड़ित पक्ष द्वारा आवेदन देने पर केस से जुड़ी जानकारी तत्काल मुहैया होगी। मोतिहारी एसपी ने आदेश का ईमानदारी से अनुपालन के लिए निर्देश जारी किया है। वहीं, लोगों ने भी इसकी सराहना की है।
एसपी स्वर्ण प्रभात ने बताया कि इस प्रक्रिया को सरल बनाया गया है। केस के सूचक द्वारा अनुसंधान की प्रगति के बारे में तीन तरह से जानकारी प्राप्त की जा सकती है। इनमें पहला, संबंधित अनुसंधानकर्ता से, इस संबंध में जिले के सभी अनुसंधानकर्ता को निर्देशित किया गया है। दूसरा, पुलिस अधीक्षक कार्यालय स्थित क्राइम हेल्प डेस्क से जानकारी मिल सकेगी और तीसरा मोतिहारी पुलिस हेल्पलाइन नंबर पर प्राथमिकी में दर्ज मोबाइल नंबर से व्हाट्सएप कर। वादी को प्रपत्र 'क' के साथ अपना पहचान पत्र व्हाट्सएप करना होगा।
मोतिहारी के एसपी स्वर्ण प्रभात ने को बताया, "जन सुनवाई में आए दिन लोगों की शिकायतें आ रही थीं कि उनके केस में पुलिस ने कहां तक कार्रवाई की। केस के आइओ कौन हैं, कितने लोगों पर पुलिस ने चार्जशीट किया, इसके बारे में जानकारी उन्हें नहीं मिल पाती थी। लोगों की परेशानियों को देखते हुए एक नया फॉर्मेट बनाया गया है, जिसमें वादी पुलिस अधीक्षक के कार्यालय में एक आवेदन देकर तत्काल अपने केस से जुड़ी सभी तरह की जानकारी प्राप्त कर सकता है।"
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एमएनपी/सीबीटी