82 वर्षीय निवेशक ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में अर्थव्यवस्था और शेयर बाजार में काफी सारे बड़े बदलाव आए हैं। भारत 2047 तक विकसित बनने की तरफ तेजी से आगे बढ़ रहा है और इस कारण से वह दोबारा से यहां निवेश करना पसंद करेंगे।
रोजर्स ने कहा, "आप जानते हैं, कई दशकों से दिल्ली ने बहुत सी अच्छी चीजों के बारे में बात की है, लेकिन वास्तव में उन अमल नहीं किया। मुझे कभी ऐसा नहीं लगा कि दिल्ली ने अर्थशास्त्र को समझा है और आगे क्या करना चाहिए।"
दिग्गज निवेशक ने कहा, "लेकिन, अब मुझे मेरे जीवन में पहली बार लगता है कि दिल्ली चीजों को समझ रही है। इसका मतलब यह है कि चीजें आगे बेहतर होने वाली हैं।"
भारत की अर्थव्यवस्था में बीते एक दशक में मजबूत वृद्धि दर्ज की गई है। भारत में आजादी के बाद निवेश हुए 14 ट्रिलियन डॉलर में से 8 ट्रिलियन डॉलर बीते 10 वर्षों में आए हैं।
पिछले 10 वर्षों में 25 करोड़ से ज्यादा भारतीय गरीबी रेखा से बाहर आए हैं।
भारत की विकास दर जी20 देशों में सबसे अधिक 7 प्रतिशत है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की ओर से वित्त वर्ष 2024-25 के लिए विकास दर अनुमान 7.2 प्रतिशत निर्धारित किया गया है। इसकी वजह देश में निजी उपभोग बढ़ना है।
रोजर्स ने से कहा कि कई वर्षों के बाद भारत को यह अहसास हुआ है कि संपन्नता और सफलता कोई खराब चीज नहीं है।
उन्होंने कहा, "नई दिल्ली में सकारात्मक बदलाव देखने को मिला है। मैंने नई दिल्ली में कई सकारात्मक बदलाव देखे हैं। भारत के उज्जवल भविष्य को देखते हुए, मैं यहां और निवेश करूंगा।"