कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर मांग की है कि मस्जिद के सर्वे करने के निचली अदालत के आदेश के अमल पर रोक लगे। सर्वे के आधार पर आगे कोई कार्रवाई ना हो। अभी इस जगह पर यथास्थिति कायम रखी जाए। सर्वे कमिश्नर की रिपोर्ट को सीलबंद कवर में रखा जाए। कोर्ट निर्देश जारी करे कि ऐसे मामलों में सभी पक्षों को सुने बिना ऐसा सर्वे का कोई आदेश न जारी किया जाए। मस्जिद कमेटी की याचिका पर सीजेआई संजीव खन्ना की बेंच शुक्रवार को सुनवाई करेगी।
संभल में निचली अदालत के आदेश पर 19 नवंबर को शाही जामा मस्जिद का पहली बार सर्वे किया गया था। बीते रविवार को मस्जिद का दोबारा सर्वेक्षण किये जाने के दौरान हिंसा भड़क उठी थी। हिंसा में कई लोगों की मौत हो गई थी और पथराव में कई पुलिसकर्मी भी घायल हुए थे।
संभल पुलिस ने हिंसा के मामले में गुरुवार तक 31 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस की कार्रवाई अभी जारी है। पुलिस ने बीते बुधवार को संभल हिंसा में शामिल लोगों की पहचान के लिए सीसीटीवी फुटेज के आधार पर 45 उपद्रवियों के पोस्टर जारी किए थे। साथ ही पुलिस ने बहुत से उपद्रवियों का नाम और पता सार्वजनिक भी किया था।
24 नवंबर को सुबह दोबारा संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। पुलिस का कहना है कि इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हिंसा के दौरान कई लोगों की मौत भी हुई है।
बता दें कि निचली अदालत ने सर्वे का आदेश जिस याचिका पर दिया, उसमें दावा किया गया है कि जिस जगह पर जामा मस्जिद है वहां पहले कभी हरिहर मंदिर था।