उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री रोजगार योजना का लक्ष्य पहले 5000 से बढ़कर 7000 किया गया है। बिहार सबसे बड़ा औद्योगिक केंद्र बनने वाला है। शनिवार को महाबोधि सांस्कृतिक केंद्र बोधगया में एमएसएमई संवर्धन सह प्रशिक्षण का एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला में मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री जीतन राम मांझी और बिहार के मंत्री प्रेम कुमार भी उपस्थित रहे।
मंत्री नीतीश मिश्रा ने कहा कि गया के डोभी क्षेत्र में सबसे बड़ा इंडस्ट्रियल कॉरिडोर का निर्माण होने जा रहा है। यहां बड़े पैमाने पर उद्योग लगेंगे।
उन्होंने कहा कि डोभी के इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के लिए 1600 एकड़ से ज्यादा भूमि चिन्हित है। इसे बनाने के लिए 28,000 करोड़ रुपए खर्च होंगे। साथ ही 10 से 30 लाख लोगों को रोजगार प्राप्त होगा।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि आज की ये कार्यशाला काफी महत्वपूर्ण है। गया जिले के साथ-साथ बिहार के सभी जिलों में उद्योग विभाग के तहत उद्योग से जुड़ने वाले लोगों को ऋण भी दिया जा रहा है।
उन्होंने कार्यक्रम में सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि एमएसएमई के तहत काफी सस्ता ऋण उपलब्ध करवाया जाता है, ताकि कम पैसे वाले व्यक्ति भी अपना खुद का रोजगार खड़ा कर सके। ऋण देने की क्षमता 10 करोड़ से बढ़ाकर 22 करोड़ की गई है।
उन्होंने कहा कि गया अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर अब मालवाहक विमान के उतरने की स्वीकृति प्राप्त हो गई है, जल्द ही मालवाहक विमान अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा गया पर उतरने लगेंगे। टेक्नोलॉजी सेंटर का निर्माण गया जिले में कराया जा रहा है, इसकी स्वीकृति प्रदान की गई है और जल्द ही 15 से 20 एकड़ की जमीन चिन्हित कर बाउंड्री वॉल का काम कराते हुए इसका निर्माण कराया जाएगा।
इसके अलावा बिहार में पहले मात्र एक एक्सटेंशन सेंटर पटना जिले में था। अब इसे बढ़ाकर 5 एक्सटेंशन सेंटर बनाने की स्वीकृति मिल गई है, जो बिहार के अलग-अलग जिलों में बनाए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि बोधगया में अगरबत्ती बनाने के लिए क्लस्टर का निर्माण किया जाएगा। साथ ही मानपुर में बुनकर के लिए कपड़ा का क्लस्टर बनाया जाएगा। भविष्य में गया जिले में एक खादी मॉल का भी निर्माण करने पर विचार किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि इसके अलावा गया से डालटेनगंज और गया से मानपुर रसलपुर रेलवे लाइन बनाने के लिए भी बातचीत चल रही है। अगले 10 वर्षों में गया जिला नोएडा का रूप ले लेगा। गया जिले के लोगों को अब रोजगार के लिए दूसरे राज्य जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी, बल्कि अब दूसरे राज्यों के लोग ही आकर गया जिला में रोजगार पाएंगे।