सर्दियों में बढ़ जाता है प्रदूषण का कहर, ऐसे रखें अपना ध्यान

06 Nov, 2024 11:15 PM
Pollution in Delhi
नई दिल्ली, 6 नवंबर (आईएएनएस): । सर्दी का मौसम दस्तक देने जा रहा है। अगर आप खुद को मौसम के अनुकूल नहीं ढालेंगे तो इस बात की प्रबल संभावना है कि आप बीमारियां की चपेट में आ सकते हैं। खासकर, दिल्ली-एनसीआर जैसे शहरों में रहने वाले लोगों की चिंता कुछ ज्यादा ही गहरा जाती है, क्योंकि यह इलाका प्रदूषण के लिहाज से काफी संवेदनशील माना जाता है।

लोगों के निजी वाहनों से उड़ने वाले धुएं के इतर हरियाणा और पंजाब के किसानों द्वारा जलाई जाने वाली पराली भी प्रदूषण को विकराल बना देती है, जिससे यहां के लोगों के स्वास्थ्य पर हानिकारक असर तो पड़ता ही है। उनका जीना भी दूभर हो जाता है।

इसी संबंध में ने फोर्टिस अस्पताल के पल्मोनोलॉजी विभाग के अतिरिक्त निदेशक डॉ. मयंक सक्सेना से विस्तृत बातचीत की। उन्होंने बताया कि प्रदूषण और सर्दी के मिले-जुले असर को देखते हुए लोग कैसे सतर्कता बरत सकते हैं।

उन्होंने कहा, “आमतौर पर देखा जाता है कि नवंबर-दिसंबर का महीना आते ही दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है। इसके पीछे मूल रूप से दो कारण हैं। पहला प्राकृतिक कारण और दूसरा मानव निर्मित कारण। इस मौसम में हवा नहीं चलने की वजह से वातावरण साफ नहीं रहता है। इस वजह से अन्य मौसम की तुलना में प्रदूषण का स्तर इस मौसम में ज्यादा रहता है।”

उन्होंने कहा, “मानव निर्मित कारणों में पटाखे फोड़ना, पराली जलाना और निजी वाहनों से पैदा होने वाले धुआं शामिल है। प्रदूषण की वजह से लोगों में कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं देखने को मिलती हैं। खासकर, सांस के रोगियों में बड़े पैमाने पर समस्याएं देखने को मिलती हैं। सांस के रोगियों को सांस लेने में तकलीफ हो सकती है। कभी-कभी मरीजों की स्थिति ऐसी हो जाती है कि उन्हें अस्पताल में भर्ती तक करवाना पड़ जाता है और कई बार तो देखा गया है कि उन्हें आईसीयू में भी भर्ती कराना पड़ जाता है।”

उन्होंने कहा, “इस मौसम में बच्चे और बुजुर्ग ज्यादा प्रभावित होते हैं।”

उन्होंने कहा, “इन बीमारियों से बचने के लिए लोगों को निजी स्तर पर प्रदूषण को कम करना चाहिए। अगर हम वाहनों से उत्पन्न होने वाले प्रदूषण को कम कर सकते हैं, तो वह ज्यादा बेहतर रहेगा। आप कोशिश करें कि निजी वाहनों का कम इस्तेमाल करें और सार्वजनिक वाहनों को ज्यादा तवज्जो दें। अपनी गाड़ी की प्रदूषण जांच कराते रहे। अपने घर के अंदर धुएं वाली चीजों का उपयोग न करें। इसके अलावा, मास्क और एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें। इससे आसपास की हवा साफ रहेगी। इसके अलावा, अगर आपको कोई भी लक्षण दिखे, तो फौरन डॉक्टर से परामर्श लें।”




सौजन्य मीडिया ग्रुप: आईएएनएस


मुख्य समाचार


 

 

Scroll to Top