एस प्रकाश ने से बातचीत में कहा, "डीके शिवकुमार ने खुद कहा कि 'शक्ति स्कीम' को वापस लेने का प्रस्ताव है। उनके अपने नेता कह रहे हैं कि ‘गारंटी’ के कारण राज्य में विकास कार्य ठप पड़े हैं, हालात यह है कि सड़क बनाने के लिए भी पैसे नहीं हैं।"
उन्होंने कहा, "ये योजनाएं विपक्षी दलों की नहीं है, लेकिन कर्नाटक में विकास की सारी गतिविधियां ठप पड़ी हुई हैं। सत्तारूढ़ दल के सदस्य इन योजनाओं को लेकर शिकायतें कर रहे हैं। राज्य में कोई काम पूरा नहीं हो रहा है। उदाहरण के तौर पर मल्लिकार्जुन खड़गे ने खुद कहा है कि दायरे से बाहर जाकर कोई भी वादा न करें और यह सच है कि फंड नहीं है। वह गारंटी देने के लिए बाध्य हैं और हम उन्हें इसे वापस नहीं लेने देंगे।"
भाजपा प्रवक्ता एस प्रकाश ने आगे कहा, "सड़क निर्माण के लिए भी उनके पास धन नहीं होगा। यह सरकार अब तक विफल साबित हुई है।"
कांग्रेस सरकार के पांच गारंटियों को वापस लेने के सवाल पर उन्होंने कहा कि वह सभी गारंटियों के लिए प्रतिबद्ध हैं। वह इसे वापस नहीं ले पाएंगे और हम कर्नाटक सरकार द्वारा घोषित गारंटी योजना को वापस लेने की अनुमति नहीं देंगे।
इससे पहले कर्नाटक के परिवहन मंत्री रामलिंगा रेड्डी ने एक बड़ा बयान दिया था। उन्होंने कहा था, "परिवहन विभाग महिलाओं के लिए मुफ्त यात्रा योजना को जारी रखने में कठिनाइयों का सामना कर रहा है। लेकिन हम किसी भी कीमत पर इस योजना को नहीं रोकेंगे। हम इसे जारी रखेंगे।