नवाब मलिक ने सच्चर कमेटी की रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा, "सच्चर कमेटी की रिपोर्ट में मुस्लिमों की स्थिति को लेकर चिंता जताई गई। हालांकि, रंगनाथ मिश्रा कमीशन की सिफारिश के बाद उनकी भी उम्मीद जगी है और मांग उठ रही है कि मुसलमानों को कुछ देना चाहिए। आरक्षण के जनक शाहू महाराज हमेशा ही कमजोर लोगों को सुविधा मिलने के पक्षधर रहे। अगर मुस्लिम समाज आर्थिक, सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़ा है और आरक्षण मांग रहा है, तो इसमें कोई दिक्कत नहीं है। हम कानून के दायरे में रहकर आरक्षण देने की मांग का समर्थन करते हैं।"
एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा, "मैं भारत का नागरिक हूं और अन्य नागरिकों की तरह मुझे भी मेरे अधिकार मिले हुए हैं। मैं मानसिक रूप से भी "सेफ" हूं, हालांकि राजनीतिक रूप से अड़ंगे पैदा किए जाते हैं। इसलिए ओवैसी और प्रधानमंत्री अपने तरीके से बोलते हैं, लेकिन हम लोग विभाजनकारी राजनीति नहीं करते हैं। हम सिर्फ एकता और सभी धर्म-जाति को एक साथ रखने में विश्वास रखते हैं। कुछ लोग विचारधारा, विशेष वर्ग और धर्म की राजनीति करते हैं और हम इसके विरोधी रहे हैं।"
नवाब मलिक ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव पर कहा, "महाराष्ट्र के चुनाव में कोई भी मुद्दा हावी नहीं है और किसी की लहर राज्य में नहीं है। हर विधानसभा का चुनाव अलग तरह का है और यहां कांटे का मुकाबला है। मुझे लगता है कि हमारा स्ट्राइक रेट बेहतर होगा और अजित पवार ही किंग मेकर रहेंगे।"
उन्होंने बुलडोजर एक्शन पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बारे में कहा, "किसी ने गुनाह किया है तो आईपीसी की धारा के तहत उसके खिलाफ कार्रवाई करने का प्रावधान है, लेकिन लोगों के मन में डर पैदा करने और मकान तोड़ने के लिए विकसित हुई संस्कृति का हम विरोध करते हैं। इसलिए, आज सुप्रीम कोर्ट ने उस पर मुहर लगा दी है। मुझे लगता है कि आप किसी के मन में डर बैठाकर अधिक समय तक राजनीति नहीं कर सकते हैं। अगर कोई गुनाहगार है, तो उसके खिलाफ कानून के दायरे में रहकर कार्रवाई करें, लेकिन उसकी सजा पूरे परिवार को क्यों दी जा रही है।"
अबू आजमी के आरोपों पर एनसीपी नेता नवाब मलिक ने पलटवार किया। उन्होंने कहा, "आजमी ने मुझ पर जो आरोप लगाया है, मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि क्या उनका भतीजा ड्रग के कारोबार में शामिल नहीं है। कैलाश राजपूत का पूरा नेटवर्क कौन चला रहा है? अबू आजमी खुद इंटरनेशनल ड्रग कार्टेल चलाने के लिए जाने जाते हैं और ड्रग भी उन्हीं का है। मेरे दामाद के बारे में बोलकर अबू आजमी ने ओछी हरकत की है।"
उन्होंने आगे कहा, "मेरा दामाद नौ महीने जेल में था और उसे गलत फंसाया गया। जब उसे गिरफ्तार किया गया था, तब उससे कहा गया कि 'हमारी दुश्मनी तुमसे नहीं है, बल्कि ससुर की कुर्सी की टांग काटनी है'। छह महीने बाद चार्जशीट फाइल की गई, जिस करण सजलानी को लेकर ड्रग का ये मामला बनाया गया था, वह तंबाकू कारोबारी था। जांच में भी यह बात पता चली है। मैंने समीर वानखेडे को एक्सपोज किया था कि वह कैसे लोगों को फंसाता है। मेरे दामाद की मौत हो चुकी है, लेकिन मैं कोर्ट जाऊंगा और लड़ूंगा।"