19 लाख से अधिक मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवीन महाजन ने बताया कि सभी सात विधानसभा क्षेत्रों में स्वतंत्र, निष्पक्ष, सुरक्षित, भय एवं प्रलोभन मुक्त मतदान के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।
महाजन ने बताया कि संवेदनशीलता और गोपनीयता को ध्यान में रखते हुए सात विधानसभा क्षेत्रों के कुल 1,915 मतदान केंद्रों में से 1,170 केंद्रों के अंदर लाइव वेबकास्टिंग की व्यवस्था की गई है।
कुछ मतदान परिसरों में, जहां तीन या उससे अधिक मतदान केंद्र हैं, वहां बूथ के बाहर कैमरे भी लगाए गए हैं।
इससे मतदाताओं की कतारों और कानून व्यवस्था की स्थिति पर भी नजर रखने में मदद मिलेगी।
उन्होंने स्थानीय अधिकारियों के लिए निर्देशित मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के प्रभावी क्रियान्वयन और आवश्यकतानुसार त्वरित, सुधारात्मक कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने राज्य में विधानसभा उपचुनाव के दौरान मतदान प्रक्रिया को पर्यावरण अनुकूल बनाने के लिए तैयार की गई कार्ययोजना का पूर्ण अनुपालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
इसी क्रम में मतदान केंद्रों और ईवीएम भंडारण केंद्रों पर भोजन और नाश्ते के लिए कागज के पैकेट और प्लेट्स उपलब्ध कराई जाएंगी तथा पीने के लिए प्लास्टिक की बोतलों के स्थान पर घड़ों में पानी उपलब्ध कराया जाएगा।
महाजन ने कहा था कि मतदान के दिन अवैध नकदी, शराब, मादक पदार्थ और मुफ्तखोरी को जब्त करने में सख्ती और तत्परता बरती जाएगी। उन्होंने राज्य पुलिस, आबकारी और आयकर अधिकारियों, उड़नदस्तों (एफएस) और स्थैतिक निगरानी दलों (एसएसटी) सहित अन्य प्रवर्तन एजेंसियों को चुनाव को प्रभावित करने से रोकने के लिए अधिक सक्रियता और सतर्कता से काम करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि चुनाव आचार संहिता के प्रभाव में अन्य राज्यों और पड़ोसी जिलों के साथ सीमावर्ती क्षेत्रों में चेक पोस्टों पर अधिक सतर्कता बरती जानी चाहिए, ताकि चुनाव के संचालन में किसी भी बाहरी हस्तक्षेप को रोका जा सके। यहां यह बताना जरूरी है कि इन सात सीटों पर उपचुनाव की जरूरत इसलिए पड़ी क्योंकि पांच विधायक सांसद चुने गए जबकि दो विधायकों का निधन हो गया।
खींवसर से विधायक हनुमान बेनीवाल नागौर से सांसद चुने गए जिससे यह सीट खाली हो गई।
इसी तरह चैरासी से राजकुमार रोत सांसद चुने गए, झुंझुनूं से बृजेंद्र ओला और दौसा से मुरारीलाल मीणा सांसद चुने गए जिससे यह विधानसभा सीट खाली हो गई।
इसी तरह सलूंबर से अमृतलाल मीना और जुबैर खान का निधन हो गया जिससे यह सीटें खाली हो गई। सलूंबर से भाजपा विधायक थे जबकि रामगढ़ से कांग्रेस विधायक चुने गए।
दोनों ही पार्टियों ने यहां भावनात्मक कार्ड खेला और परिवार के सदस्यों को मैदान में उतारा। भाजपा ने सलूंबर से अमृतलाल मीणा की पत्नी को मैदान में उतारा तो कांग्रेस ने सहानुभूति वोट पाने के लिए जुबैर खान के बेटे आर्यन जुबैर खान को मैदान में उतारा।