उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने उत्तर प्रदेश में मुस्लिम समाज, पिछड़े वर्ग और ब्राह्मण समाज के खिलाफ कई मामलों में परिवारों की संपत्तियां नष्ट करने, तोड़ने और सील करने का काम किया। पूरे प्रदेश में बुलडोजर मॉडल को बढ़ावा दिया गया, जिससे पूरे देश में बुलडोजर मॉडल की बात होने लगी।
बुलडोजर लेकर टहलने वाले सीएम योगी को साफ-साफ मानना पड़ेगा कि इस देश में आपको संविधान के तहत चलना पड़ेगा। कोई मामला हुआ तो बैक डेट में आपने नोटिस चस्पा दिया और अगले दिन तोड़फोड़ कर दी। अब समय आ गया है कि जिन पीड़ितों के घर तोड़े गए, उन्हें 25-25 लाख रुपये का मुआवजा मिले। समाजवादी पार्टी पीड़ितों की मदद करने के लिए हमेशा तैयार है और हम उनके साथ खड़े हैं। अब बुलडोजर कार्रवाई पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। भारत के लोगों को न्याय की उम्मीद या तो अदालत से है या फिर आने वाली पीडीए सरकार से।
महाराष्ट्र में सीएम योगी द्वारा मल्लिकार्जुन खड़गे पर की गई टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि सीएम योगी धार्मिक इंसान हैं, बहुत अच्छे इंसान हैं, लेकिन उनका इतिहास और भूगोल ठीक नहीं है। उन्होंने शायद सलाहकार भी बहुत गलत रखे हैं। तेलंगाना का आंदोलन, जमीन का आंदोलन था। जो सामंत और निजाम की फोर्स थी, जिसको रज़ाकार कहते हैं। उनके बीच में खूनी संघर्ष हुआ। जिसमें कम्युनिस्टों ने गुरिल्ला युद्ध किया। सोशलिस्ट और सरदार पटेल के नेतृत्व में हमारी सेना ने एक अलग ऑपरेशन चलाया था। इसमें रज़ाकारों के टकराव में उनके खिलाफ सोशलिस्टों, कम्युनिस्टों और वहां के किसान नेता थे। इस दौरान कई हत्याएं हुईं। ये हत्याएं हिंदू-मुस्लिम ऐंगल से नहीं जुड़ी थीं।
इसके अलावा उन्होंने कहा कि सीएम योगी जिन रज़ाकारों की बात कर रहे हैं, ये वहीं रजाकार हैं जिनकी मुस्लिम लीग सरकार में श्यामा प्रसाद मुखर्जी डिप्टी सीएम रहे हैं। तो डीएनए तो आपका मिलता है। मल्लिकार्जुन खड़गे इस देश के बहुत बड़े नेता हैं। उनका देश में बहुत सम्मान है। सीएम योगी के पास कोई जवाब नहीं है। उन्होंने सीएम योगी को सलाह दी कि पहले आप अपना इतिहास ठीक कर लीजिए।