चुनाव आयोग ने दोनों पार्टियों के नेताओं को सोमवार 18 नवंबर को दोपहर एक बजे तक जवाब भेजने को कहा है।
यह कारवाई महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनावों में भाजपा और कांग्रेस द्वारा एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत किए जाने के बाद हुई है।
भाजपा ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के संविधान वाली टिप्पणी पर शिकायत दर्ज कराई थी। भाजपा ने उनके भाषण को झूठ से भरा और तथ्यहीन बताया था। भाजपा ने चुनावी राज्य महाराष्ट्र में एक रैली में गांधी के कथित 6 नवंबर के भाषण का हवाला दिया, जिसमें उन्होंने भाजपा और आरएसएस पर संविधान को नष्ट करने की कोशिश करने का आरोप लगाया था। भाजपा ने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस नेता महाराष्ट्र के युवाओं को भड़का रहे हैं जो देश की एकता और अखंडता के लिए बेहद खतरनाक है।
वहीं, कांग्रेस ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर धनबाद में एक चुनावी रैली के दौरान भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आईएनसी) और उसके सहयोगियों के बारे में झूठे, विभाजनकारी, दुर्भावनापूर्ण और निंदनीय बयान देने का आरोप लगाया था।
कांग्रेस ने आरोप लगाया था, "अमित शाह द्वारा दिए गए बयानों का एकमात्र उद्देश्य धर्म और जाति के आधार पर मतदाताओं को भड़काना है, ताकि वोटों को एकजुट किया जा सके लोगों को भड़काकर उन्हें भाजपा के पक्ष में वोट देने के लिए प्रेरित किया जा सके।"
चुनाव आयोग ने पार्टी प्रमुखों को लोकसभा चुनाव के दौरान जारी की गई अपनी सलाह की भी याद दिलाई, जिसमें पार्टियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया था कि उनके स्टार प्रचारक प्रचार के दौरान सार्वजनिक शिष्टाचार बनाए रखें और आदर्श आचार संहिता का पालन करें।