43वें भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले के हॉल नंबर 6 में कोल्हू की मशीन लगाई गई है, जिससे सरसों और नारियल के तेल को तुरंत बनाया जा रहा है। यही नहीं, स्टॉल में आने वाले लोग कोल्हू की मशीन के बारे में भी जानकारी ले रहे हैं।
चेतन राजपूत ने बताया कि मैं पिछले चार साल से तेल बनाने का काम कर रहा हूं और हम इसे बनाने के लिए पारंपरिक विधि का इस्तेमाल करते हैं। जब इस मशीन का इस्तेमाल कर तेल बनाया जाता है तो उसकी नेचुरल वैल्यू बरकरार रहती है, जबकि बड़ी मशीनों में ऐसा संभव नहीं हो पाता है।
उन्होंने आगे कहा, "तेल के न्यूट्रिशन वैल्यू को बरकरार रखने के लिए मशीन के तापमान को 50 डिग्री तक रखा जाता है, जिससे तेल की गुणवत्ता बनी रहती है। हालांकि, अब कोल्हू की मशीन का इस्तेमाल काफी हद तक बंद गया है और हम लोग उसी को जिंदा रखने की कोशिश कर रहे हैं।"
चेतन राजपूत ने बताया कि इस काम को लेकर ट्रेड फेयर में लोगों का अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है। युवा पीढ़ी इस बारे में जानकारी भी ले रही है।
दिल्ली के भारत मंडपम में 43वें भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले का गुरुवार से आगाज हुआ है। इस साल के मेले की थीम 'विकसित भारत @2047' पर आधारित है। इस बार मेला 27 नवंबर तक चलेगा। इसमें देश के सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश अपनी प्रगति और उपलब्धियों को प्रदर्शित कर रहे हैं।
एफएम/एबीएम