एक्यूआई डॉट इन के मुताबिक, रविवार रात नौ बजे राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली का पिछले 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 548 रहा। रविवार सुबह आठ बजे दिल्ली का एक्यूआई लेवल 477 था, जो शाम आठ बजे तक 548 हो गया। दिल्ली में आज सांस लेने की स्थिति प्रतिदिन 14.7 सिगरेट पीने के बराबर है।
सरकारी वेबसाइट 'सफर' के अनुसार, रात साढ़े नौ बजे के आसपास दिल्ली का औसत एक्यूआई 457 था। मथुरा रोड पर यह स्तर 490, आईटीओ पर 477, मुंडका में 487, ओखला में 441, वजीरपुर में 483 और आनंद विहार में 475 था।
एक्यूआई डॉट इन के मुताबिक, राष्ट्रीय दिल्ली के अलावा देश के अन्य शहरों का एक्यूआई भी 500 के पार हो गया है। हरियाणा के भिवानी का 545, सिरसा का एक्यूआई 502, रोहतक का 446, गुड़गांव का एक्यूआई 444, हिसार का 409, नोएडा का 394, गाजियाबाद का 409, फरीदाबाद का 432, सोनीपत का 378 एक्यूआई है।
दिल्ली के अधिकांश इलाकों में एक्यूआई स्तर 500 से ऊपर रहा। अलीपुर का 586, आनंद लोक का 586, आनंद पर्वत का 521, आनंद विहार 608, अशोक विहार फेज 1 का 539, बवाना औद्योगिक क्षेत्र का 534, भलस्वा लैंडफिल का 508, चाणक्य पुरी का 586, सिविल लाइंस का 514, कनॉट प्लेस का 536, दरियागंज का 536, डिफेंस कॉलोनी का 586, दिल्ली कैंट का 586, द्वारका सेक्टर 10 का 531, गाजीपुर का 508, ग्रेटर कैलाश का 586, आईटीआई शाहदरा का 608, कालकाजी का 646, पीजीडीएवी कॉलेज का 701 है।
ज्ञात हो कि अक्टूबर से दिल्ली में प्रदूषण बढ़ रहा है। इसके मुख्य कारण मौसम में ठंडक, हवा का धीमे बहना, पटाखे, पराली जलाना और वाहनों से होने वाला प्रदूषण हैं। पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में पराली जलाने का असर दिल्ली पर भी पड़ता है।
बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए, वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने शुक्रवार को ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान का तीसरा चरण लागू किया था जबकि सोमवार से ग्रैप-4 लागू करने का निर्णय लिया गया है।