पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि भारत लोकतंत्र की जननी है और नाइजीरिया अफ्रीका का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। दोनों देश लोकतंत्र, विविधता और जनसांख्यिकीय में मिलते-जुलते हैं।
नाइजीरिया के विकास में प्रवासी भारतीयों के योगदान की सराहना करते हुए उन्होंने कहा, "आज भारत की अनेक कंपनियां नाइजीरिया की पूरी इकोनॉमी को ताकत दे रही हैं। भारतीय कम्युनिटी, नाइजीरिया के विकास के लिए कंधे से कंधा मिलाकर चल रही है और यह भारत के लोगों की बहुत बड़ी ताकत है। हम दूसरे देश में भले आ जाएं, लेकिन सर्वहित के अपने संस्कार नहीं भूलते। हमारे लिए पूरा विश्व एक परिवार है। आप लोग भारत की प्रगति से खुश होते हैं और हर भारतीय आपकी प्रगति पर गर्व करता है। मेरा तो सीना गर्व से 56 इंच का हो जाता है।"
उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी लंबे समय तक अफ्रीका में रहे थे। उन्होंने अफ्रीका के लोगों का सुख-दुख साझा किया। गुलामी के उस दौर में भारत और नाइजीरिया के लोगों ने आजादी के लिए कोई कोर-कसर बाकी नहीं छोड़ी और जब भारत आजाद हुआ तो उसने नाइजीरिया की आजादी के आंदोलन को भी प्रेरित किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज भारत और नाइजीरिया संघर्ष के दिनों के साथी की तरह एक साथ आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा, "बीते वर्षों में अफ्रीका की आवाज को वैश्विक मंच पर उठाने के लिए भारत ने हरसंभव प्रयास किया है। जब भारत को पहली बार जी-20 की अध्यक्षता मिली, तो हमने अफ्रीकन यूनियन को स्थाई सदस्य बनाने के लिए पूरा जोर लगा दिया और भारत को इसमें सफलता भी मिली।"
पीएम मोदी ने भारत की उपलब्धियों के प्रवासियों को अवगत कराते हुए कहा कि आज भारत में 1.5 लाख से अधिक पंजीकृत स्टार्टअप हैं। पिछले दशक में 100 से अधिक यूनिकॉर्न बनाए गए हैं। एक यूनिकॉर्न का मतलब है 8,000-10,000 करोड़ रुपये की कंपनी। सौ से अधिक कंपनियां देश की स्टार्टअप संस्कृति की सफलता का प्रमाण हैं। उन्होंने कहा, "हम इसे इसलिए हासिल कर पाए क्योंकि भारत अपने कंफर्ट जोन से बाहर आ गया।"
अंतरिक्ष उद्योग में देश की प्रगति की दुनिया तारीफ कर रही है। भारत ने तय किया है कि जल्द ही अपने गगनयान के जरिए भारतीयों को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। भारत भी अंतरिक्ष में अपना स्पेस स्टेशन बनाने जा रहा है। उन्होंने कहा कि कंफर्ट जोन को छोड़कर नए रास्ते बनाना भारत का दूसरा स्वभाव बन गया है। पिछले 10 साल में 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला गया है। आज भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और वह दिन दूर नहीं जब भारत पांच ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बन जाएगा।
प्रधानमंत्री ने कहा, "भारत विकास, शांति, समृद्धि और लोकतंत्र का प्रतीक बनकर दुनिया के लिए एक नई आशा बनकर उभरा है। जब भी विश्व स्तर पर कोई समस्या उत्पन्न होती है, भारत विश्व बंधु या वैश्विक मित्र के रूप में कार्य करते हुए आगे दिखाई देता है। कोविड-19 महामारी की अराजकता के दौरान जब दुनिया भर के देशों को टीकों की सख्त जरूरत थी, भारत ने यथासंभव अधिक से अधिक देशों को टीके उपलब्ध कराने की पहल की।"
पीएम मोदी ने प्रवासी भारतीयों को अगले साल जनवरी में ओडिशा में हो रहे प्रवासी भारतीय सम्मेलन के लिए आमंत्रित किया।
इससे पहले नाइजीरिया के राष्ट्रपति बोला अहमद टीनुबू ने प्रधानमंत्री मोदी को 'वॉयस ऑफ द ग्लोबल साउथ सिस्टम्स' से सम्मानित किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए कहा, "मैं यहां गर्मजोशी भरे स्वागत के लिए राष्ट्रपति बोला अहमद टीनुबू और नाइजीरिया के लोगों को धन्यवाद देना चाहता हूं। राष्ट्रपति टीनुबू ने मुझे नाइजीरिया के राष्ट्रीय पुरस्कार से भी सम्मानित किया है। यह सम्मान भारत के करोड़ों लोगों का है। साथ ही यह नाइजीरिया में रहने वाले भारतीयों का भी है। प्रधानमंत्री के तौर पर यह मेरी पहली नाइजीरिया यात्रा है, लेकिन मैं अकेला नहीं आया हूं, मैं अपने साथ भारत की मिट्टी की महक लेकर आया हूं और करोड़ों भारतीयों की ओर से आप सभी के लिए ढेर सारी शुभकामनाएं लेकर आया हूं।"