रामदास अठावले ने कहा, "नितिन राउत कांग्रेस और दलित समाज के एक वरिष्ठ नेता हैं और मेरे अच्छे मित्र भी हैं। वह नागपुर उत्तर से चुनाव भी लड़ रहे हैं। महा विकास अघाड़ी के समय वह मंत्री थे। हालांकि, विलासराव देशमुख के समय क्या हुआ था, मुझे इस बारे में जानकारी नहीं है। मैं हमेशा "जय भीम" बोलता हूं और शरद पवार के समय में भी मैं मंत्री था। मैंने हमेशा "जय भीम", "जय महाराष्ट्र" और "जय भारत" के नारे लगाए हैं। मैं आज भी मंत्री हूं।"
रामदास अठावले ने कहा कि नितिन राउत को "जय भीम" बोलने के कारण कैबिनेट में स्थान न मिलने के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है।
नितिन राउत ने नागपुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि उन्हें विलासराव देशमुख के मुख्यमंत्री रहते हुए कैबिनेट में शामिल नहीं किया गया और इसका कारण उनका "जय भीम" बोलना था। उन्होंने आरोप लगाया कि जब वह राज्य सरकार में मंत्री बनने की उम्मीद कर रहे थे, तब उनके इस नारे की वजह से उन्हें मौका नहीं मिला।
राउत का कहना था कि "जय भीम" बोलने को लेकर राजनीतिक पक्षपाती दृष्टिकोण अपनाया गया था। इस बयान के बाद से महाराष्ट्र की राजनीति में चर्चा का बाजार गर्म हो गया है। उनके आरोपों ने कांग्रेस पार्टी और अन्य राजनीतिक दलों में हलचल मचा दी है।