इस विशेष मौके पर बद्रीनाथ मंदिर को भव्य रूप से 15 क्विंटल फूलों से सजाया गया था। इस दौरान 10 हजार से अधिक श्रद्धालु मौजूद रहे जो विशेष रूप से इस अवसर का हिस्सा बने।
श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के बाद 18 नवंबर को देव डोलियां योग बदरी पांडुकेश्वर और जोशीमठ के लिए प्रस्थान करेंगी। यह यात्रा बद्रीनाथ धाम के शीतकालीन पूजाओं की शुरुआत का प्रतीक है। इसके बाद 19 नवंबर से योग बदरी पांडुकेश्वर तथा श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ में शीतकालीन पूजाएं शुरू हो जाएंगी।
बता दें कि हर साल सर्दी के मौसम में भारी बर्फबारी की संभावना होती है और मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाते हैं। इसके बाद भगवान बदरी विशाल की पूजा और दर्शन पांडुकेश्वर और जोशीमठ स्थित शीतकालीन तीर्थ स्थानों पर होती है।