भाजपा नेता तरुण चुघ ने संभल की घटना पर कहा, "संभल में हालात शांत है स्थितियां कंट्रोल में है, लेकिन समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने जिहादी ताकतों के हाथों में खेलकर राजनीतिक रोटियां सेंकने के अलावा कुछ नहीं किया है। दोषी कोई भी हो बख्शा नहीं जाएगा और उसे कठोर सजा मिलेगी।"
इससे पहले शाही जामा मस्जिद मामले में मुस्लिम पक्ष की पैरवी करने वाले वकील जफर अली ने हिंसा के लिए एसडीएम और सीओ को जिम्मेदार ठहराया था।
वकील जफर अली ने कहा था, "संभल में जो घटना हुई है, उसके लिए संभल एसडीएम और सीओ जिम्मेदार हैं। सर्वे की जानकारी चंद घंटे पहले दी गई थी। मुस्लिम पक्ष पर जो आरोप लगाया जा रहा है कि हमारी ओर से यह सुनियोजित था। मैं कहना चाहता हूं कि हमारी ओर से कुछ भी नहीं था। संभल की हिंसा पुलिस प्रशासन की ओर से सुनियोजित था।"
जफर अली ने कहा कि चार लोगों की मौत के लिए एसडीएम और सीओ जिम्मेदार है। एसडीएम ने जबरदस्ती शाही जामा मस्जिद में वजू करने की जगह को खाली कराया जिससे लोगों को भ्रम हुआ कि यहां खुदाई हो रही है। लोग उग्र हो गए।
बता दें कि 24 नवंबर की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। पुलिस का कहना है कि इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी।
हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।