किसान यूनियन ने कहा कि आज से चार साल पहले सरकार ने हमें आश्वस्त किया था कि आपकी मांगों को माना जाएगा। लेकिन विडंबना देखिए कि आज तक किसानों की मांगों पर कोई विचार नहीं किया गया है। इसे लेकर किसानों में रोष है। किसान भाई चाहते हैं कि सरकार हमारी मांगों पर विचार करे।
यह प्रदर्शन करनाल के महात्मा गांधी चौक से शुरू हुआ और जिला सचिवालय में आकर खत्म हुआ। प्रदर्शनकारी किसानों की तरफ से राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा गया। इसमें किसानों द्वारा उठाई गई सभी मांगों का ब्योरा दर्ज है। किसानों द्वारा उठाई गई मांगों में प्रमुख रूप से एमएसपी पर कानून, किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस, मुआवजा जैसी तमाम मांगें शामिल हैं।
किसान यूनियन के नेता रामफल ने कहा, “पिछले चार साल के आंदोलन के दौरान हमने जो मांगें सरकार के समक्ष रखी थी, उन्हें अभी तक नहीं माना गया है। सरकार की तरफ से हमें आश्वस्त किया गया था कि हम आपकी मांगों को मानेंगे। लेकिन, अभी तक ऐसा कोई कदम नहीं उठाया गया है, इसलिए हम सभी किसान भाई यहां पर एकत्रित हुए हैं और राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा है। बीते दिनों हम पर पराली जलाने के मामले में मुकदमा दर्ज किया गया था। हमने मांग की है कि उन सभी मुकदमों को वापस लिया जाए। हम यह भी स्पष्ट कर देते हैं कि अगर हमारी मांगों को नहीं माना गया, तो हम आने वाले दिनों में अपने आंदोलन के दायरे को और ज्यादा बढ़ाएंगे।”
भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष रतन मान ने कहा, “आज हम सभी किसानों ने एकजुट होकर आंदोलन किया और सरकार तक यह संदेश पहुंचाया कि आपने हम सभी से जो वादा किया था, उसे पूरा नहीं किया है। इस संबंध में हमने राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा। हम इस संबंध में आगे बैठक भी करेंगे, इसमें आगे की रूपरेखा तय की जाएगी।”