उन्होंने से बात करते हुए भारतीय जनता पार्टी पर आरोप लगाया कि यदि लोकसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी का पूर्ण बहुमत आ जाता तो वह संविधान बदल देते। यह देश और लोकतंत्र के लिए बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है।
उन्होंने कहा, “बाबा साहेब अंबेडकर ने जब संविधान तैयार किया और संविधान सभा का गठन हुआ, तब उन्होंने अपने विचारों के साथ-साथ सभी के विचारों को समाहित करते हुए एक ऐसा मार्गदर्शन प्रस्तुत किया, जिसने पूरे देश को एक दिशा दी और एक सशक्त और समावेशी भारत का सपना दिखाया। लेकिन आज हम यह देख रहे हैं कि उसी संविधान के साथ खिलवाड़ हो रहा है। केंद्र में एक ऐसी सरकार है जो दो बार बहुमत से चुनी गई, और इन दोनों कार्यकालों के बीच हमने कई ऐसे उदाहरण देखे हैं, जिनमें संविधान को बदलने, उसकी अनदेखी करने और उसे ताक पर रखने की कोशिश की गई। यहां तक कि यह बयान भी आया था कि अगर वे लोकसभा चुनाव में 'चार सौ पार' कर गए, तो संविधान की कई धाराओं में बदलाव करेंगे।”
उन्होंने देश के लिए इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि ऐसे लोग, जो संविधान को तोड़-मरोड़ कर सत्ता में आने की कोशिश कर रहे हैं, दूसरों की आलोचनाएं कर रहे हैं। हम आज इस उत्सव में शामिल हुए हैं, लेकिन असल में भारतीय जनता पार्टी सरकार द्वारा संविधान का सही तरीके से कार्यान्वयन नहीं किया गया है। इनके लिए सत्ता सर्वोपरि है, और संविधान बाद में आता है। लेकिन हमारे लिए संविधान सर्वोच्च है, और उसकी रक्षा की लड़ाई हम हमेशा जारी रखेंगे।”