इस अवसर पर पशुपति कुमार पारस ने पार्टी संस्थापक रामविलास पासवान एवं दलित सेना के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व सांसद स्व. रामचंद्र पासवान की प्रतिमा एवं स्मारक का अनावरण किया।
उन्होंने कहा कि शहरबन्नी गांव हम दोनों भाइयों के लिए और खासकर मेरे बड़े भाई रामविलास पासवान के लिए देवभूमि है। मैंने अपने पूरे जीवनकाल में अपने बड़े भाई रामविलास पासवान की 'भरत' बनकर सेवा की।
रामविलास पासवान को नमन करते हुए उन्होंने कहा कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी का आगाज हो गया है। पारस ने कहा कि रामविलास पासवान ने 1983 में दलित सेना का निर्माण किया था। दलित सेना पूरे देश एवं खासकर बिहार में दलितों का बहुत बड़ा सशक्त संगठन है और हमारी पार्टी की ताकत है। दलित सेना हमारी पार्टी और रामविलास पासवान की आत्मा है, इसलिए आज इतने बड़े विशाल कार्यक्रम के माध्यम से मैं पूरे राज्य भर से आए पार्टी एवं दलित सेना के सभी कार्यकर्ताओं से आह्वान करता हूं कि आज से ही आप लोग 2025 के विधानसभा चुनाव की तैयारी में पूरी मुस्तैदी और मजबूती से जुट जाएं।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि वर्ष 2000 में जब रामविलास पासवान ने दिल्ली के रामलीला मैदान में पार्टी की स्थापना की थी, उस समय से लेकर और अपने जीवन काल में उनकी बनाई पार्टी एवं दलित सेना के सिद्धांत और विचारधारा को आगे ले जाने की जिम्मेदारी उन्होंने मुझे सौपी थी। मैंने पूरी ईमानदारी से पार्टी एवं संगठन को सींचा है।
उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी को बिहार में एक बड़ी निर्णायक ताकत के रूप में स्थापित करेंगे।
पार्टी के केंद्रीय संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष पूर्व सांसद सूरजभान सिंह ने कहा कि अंबेडकर के बाद रामविलास पासवान ने देश के दलित, शोषित, वंचित समाज के लोगों को सम्मान से जीने का अधिकार दिलाया। रामविलास पासवान ने अपने संघर्षपूर्ण जीवन से देश के वंचित, दलित और शोषित समाज को सत्ता में लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।