अतुल सुभाष ने तीनों पर उत्पीड़न का आरोप लगाया था। तीनों पर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप है।
अतुल ने निकिता और उनके परिवार पर उत्पीड़न और जबरन वसूली का आरोप लगाया था।
शुक्रवार को बेंगलुरू पुलिस ने निकिता सिंघानिया के जौनपुर में स्थित मकान पर नोटिस चस्पा किया था। इसमें तीन दिन में बयान दर्ज करने को कहा गया था।
निकिता सिंघानिया ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर की थी। बेंगलुरू पुलिस ने इस मामले में निकिता सिंघानिया, मां निशा सिंघानिया, भाई अनुराग सिंघानिया और चाचा सुशील सिंघानिया को आरोपी बनाया है। सिंघानिया परिवार ने कोर्ट में अपने वकील का पैनल नियुक्त किया था।
बता दें, अतुल ने आत्महत्या से पहले 1 घंटे 23 मिनट का वीडियो और 24 पेज का सुसाइड नोट जारी करके अपनी पत्नी और उसके परिवार वालों पर मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया था।
उन्होंने सिंघानिया पर मामले को निपटाने के लिए 3 करोड़ रुपये मांगने का आरोप लगाया था।
अतुल ने निकिता के पर कई तरह के फर्जी मुकदमे दर्ज कराने के आरोप लगाए थे। बाद में निकिता सिंघानिया ने तलाक का मुकदमा और सीजेएम कोर्ट में हत्या, मारपीट और अप्राकृतिक यौन संबंध के मुकदमे को बाद में वापस ले लिया था। जौनपुर की अदालत में सुभाष पर तीन मुकदमे चल रहे हैं। इसमें एक मुकदमा दहेज प्रथा और मारपीट को लेकर है जिस पर अगली सुनवाई 12 जनवरी 2025 को तय है।
अतुल मूल रूप से बिहार के रहने वाले थे और उनके ससुराल वाले मूल रूप से जौनपुर के। इस मामले की सुनवाई जौनपुर फैमिली कोर्ट में चल रही थी। अतुल ने अपने आरोप में कहा था कि जज रीता कौशिक ने मामले को निपटाने के लिए उनसे 5 लाख रुपए भी मांगे थे।