द्रोणाचार्य वाले बयान पर माफी मांगें राहुल गांधी : महामंडलेश्वर स्वामी रूपेंद्र प्रकाश महाराज

15 Dec, 2024 11:25 AM
Rupendra Prakash Maharaj ji
हरिद्वार, 15 दिसंबर (आईएएनएस): । "द्रोणाचार्य ने अंगूठा काटा" बयान को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी विवादों में घिर गए हैं। संत समाज ने इस पर आपत्ति जताई है। श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन के महामंडलेश्वर रूपेंद्र प्रकाश महाराज ने कहा वो घटना अन्याय को नहीं भारत की गुरु शिष्य परंपरा को दर्शाती है।

महामंडलेश्वर रूपेंद्र प्रकाश महाराज ने कहा कि राहुल गांधी लगातार हिंदू समाज पर हमलावर रहते हैं। लेकिन, मुस्लिम धर्म पर किसी भी प्रकार की टिप्पणी नहीं करते हैं, क्योंकि वह इसके परिणामों से अवगत हैं।

उन्होंने कहा, “राहुल गांधी ने द्रोणाचार्य के उस प्रसंग का हवाला देते हुए यह आरोप लगाया कि द्रोणाचार्य ने एकलव्य का अंगूठा काट दिया था। लेकिन, वास्तविकता इससे बिल्कुल अलग है। महाभारत के इस प्रसंग में, एकलव्य गुरु दक्षिणा देने के लिए अंगूठे का दान करता है। यह एकलव्य की अपनी श्रद्धा और गुरु के प्रति आदर का प्रतीक था, न कि किसी प्रकार का अत्याचार। यह घटना गुरु-शिष्य परंपरा की महानता और एकलव्य की श्रद्धा को दर्शाती है, न कि किसी अन्याय को।”

उन्होंने कहा, “राहुल गांधी का यह बयान इतिहास के तथ्यों के साथ खिलवाड़ है, क्योंकि यह द्रोणाचार्य और एकलव्य के रिश्ते को गलत तरीके से प्रस्तुत करते हैं। उनका यह बयान एक प्रकार से सनातन धर्म के खिलाफ एक हमलावर दृष्टिकोण की तरह दिखाई देता है। वे लगातार हिंदू धर्म के प्रतीकों, महापुरुषों और उनके योगदान का अपमान करते रहते हैं। राहुल गांधी ने इस मामले में जिस प्रकार का बयान दिया है, वह न केवल गलत है, बल्कि यह सनातन धर्म और भारतीय संस्कृति के प्रतीकों का अपमान करने वाला है। सनातन धर्म में महाभारत और रामायण जैसे ग्रंथों का अत्यधिक सम्मान है, और इनमें निहित शिक्षा और दर्शन का पालन करना चाहिए। ऐसे बयानों से समाज में भ्रम और तनाव फैल सकता है।”

उन्होंने आगे कहा, “राहुल गांधी को इस बयान के लिए सार्वजनिक रूप से क्षमा मांगनी चाहिए और उन्हें यह समझने की आवश्यकता है कि उन्हें महाभारत या रामायण जैसे ग्रंथों का अध्ययन करके ही इस प्रकार के मुद्दों पर बोलना चाहिए। अगर वे इन ग्रंथों का सही तरीके से अध्ययन करेंगे, तो वे समझ पाएंगे कि एकलव्य और द्रोणाचार्य के बीच का संबंध केवल एक गुरु-शिष्य परंपरा का अद्भुत उदाहरण है, न कि कोई विवाद या अन्याय।”

बता दें कि राहुल गांधी ने सरकार पर आरोप लगाया था कि जिस तरह एकलव्य का अंगूठा काटा गया, उसी तरह से आज सरकार देश के युवाओं का अंगूठा काट रही है। उन्होंने कहा था कि आज भारत में एक वैचारिक लड़ाई चल रही है और विपक्ष की तरफ संविधान के विचारों के संरक्षक हैं।

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