छात्रों के ऐलान को देखते हुए पुलिस-प्रशासन ने जेएसएससी दफ्तर और उसके आसपास के इलाके को पहले से छावनी में तब्दील कर दिया था। सोमवार दोपहर करीब 1.30 बजे छात्रों के एक समूह ने नामकुम सदाबहार चौक पर इकट्ठा होकर जेएसएससी दफ्तर की तरफ बढ़ने की कोशिश की तो पुलिस ने उन्हें रोका। छात्रों के नेता देवेंद्र नाथ महतो पर पुलिसकर्मियों ने लाठी बरसाई और उन्हें घसीटकर पुलिस की गाड़ी में बिठा लिया। उनके एक अन्य साथी को भी हिरासत में लिया गया है।
इस बीच जेएसएससी ने सीजीएल परीक्षाफल के आधार पर शॉर्ट लिस्टेड अभ्यर्थियों के डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन की प्रक्रिया सोमवार से शुरू कर दी। 20 दिसंबर तक 2,145 अभ्यर्थियों के सर्टिफिकेट की जांच होगी और इसके बाद रिक्त पदों पर नियुक्ति के लिए चुने गए अभ्यर्थियों की लिस्ट जारी की जाएगी।
झारखंड सरकार के विभिन्न विभागों में लगभग दो हजार पदों पर नियुक्ति के लिए जेएसएससी सीजीएल की परीक्षा 21-22 सितंबर को राज्य में 823 केंद्रों पर आयोजित हुई थी। परीक्षा में 3,04,769 अभ्यर्थी शामिल हुए थे। परीक्षा संपन्न होने के दूसरे दिन से ही अभ्यर्थियों ने पेपर लीक और प्रश्न पत्रों में पिछले वर्षों की रद्द परीक्षाओं के प्रश्न बड़ी संख्या में दोहराए जाने के आरोपों को लेकर हंगामा किया था।
इसे लेकर रांची और हजारीबाग सहित राज्य के कई शहरों में छात्रों ने प्रदर्शन किए। 10 दिसंबर को हजारीबाग में आंदोलित छात्रों ने करीब चार घंटे तक हाईवे जाम कर दिया था। उन्हें हटाने के लिए पुलिस ने लाठी चार्ज किया था। आयोग ने छात्रों के आरोपों की जांच के लिए एक कमेटी गठित की थी, जिसने जांच के बाद दावा किया था कि परीक्षा में कोई गड़बड़ी नहीं हुई है। हालांकि, दो दिन पहले सीएम हेमंत सोरेन ने गड़बड़ी के आरोपों की जांच सीआईडी से कराने की घोषणा की थी।
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