लोकसभा चुनाव में जहां एनडीए को महाराष्ट्र में 48 में से 17 सीटें मिली थी। वहीं, हरियाणा की 10 लोकसभा सीटों में भाजपा के हिस्से में मात्र 5 सीटें आई थी। लेकिन, हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में दोनों ही राज्यों में भाजपा ने बंपर जीत हासिल की है।
बता दें कि हरियाणा के 90 विधानसभा सीटों में से भाजपा के हिस्से में 48 सीटें आई है। जबकि, महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में 288 सीटों में से महायुति के हिस्से में 235 सीटें आई हैं। ऐसे में इसको लेकर दोनों ही राज्य की जनता से जब सर्वे के दौरान सवाल किया गया तो जवाब बेहद चौंकाने वाले थे।
दरअसल, दोनों ही राज्यों में पीएम नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता में विधानसभा चुनाव के दौरान कोई कमी नहीं देखी गई, जबकि इसके पहले लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा 240 सीटों पर ही सिमट गई थी। लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के द्वारा भाजपा पर संविधान बदलने को लेकर जो नैरेटिव सेट किया गया, वह तब तो काम कर गया, लेकिन, विधानसभा चुनाव में इसका असर कहीं देखने को नहीं मिला। दोनों ही राज्यों के विधानसभा चुनाव में विपक्ष के सबसे बड़े चेहरे के तौर पर नजर आए राहुल गांधी के प्रति वहां की जनता के मन में विश्वास की कमी दिखी।
किसान, जवान और पहलवान का जो मुद्दा हरियाणा में कांग्रेस लेकर घूम रही थी, वह भी जनता के बीच कामयाब नहीं रही। मैटराइज के द्वारा कराए गए सर्वे में जनता से जब इसको लेकर सवाल पूछा गया तो अधिकांश जनता ने कहा कि उनके अंदर इस बात का डर था कि विपक्ष के काम से देश कमजोर हो सकता है। ऐसे में लोकसभा चुनाव में जो गलती हमने की उसको विधानसभा चुनाव में नहीं दोहराया और इसी का नतीजा रहा कि भाजपा को दोनों राज्यों में इतनी बड़ी जीत मिली। जबकि, हरियाणा में तो भाजपा ने लगातार तीसरी बार सरकार बनाकर रिकॉर्ड ही कायम कर दिया।
मैटराइज के सर्वे में जो बात निकलकर सामने आई उसकी मानें तो हरियाणा और महाराष्ट्र की जनता ने लोकसभा चुनाव में हुई अपनी भूल को सुधारते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में वोट किया।
इसके लिए मैटराइज की तरफ से महाराष्ट्र में 76,830 लोगों से बात की गई, जिसमें 37 हजार से ज्यादा पुरुष, 24 हजार के लगभग महिलाएं और 15 हजार के करीब यूथ शामिल थे। वहीं, हरियाणा में इस सर्वे में 53 हजार से ज्यादा लोगों को शामिल किया गया, जिसमें 26 हजार से ज्यादा पुरुष, 16 हजार से ज्यादा महिलाएं और 10 हजार से ज्यादा यूथ को शामिल किया गया।
मैटराइज सर्वे में जब महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव को लेकर मतदाताओं से पूछा गया कि दोनों ही चुनाव में वोटिंग में इतना अंतर कैसे रहा तो सर्वे में शामिल ज्यादातर लोगों ने बताया कि इसके पीछे जो सबसे बड़ा कारण था, वह यह था कि वह विपक्ष के संविधान में बदलाव वाले मुद्दे से भ्रमित हो गए थे। वहीं, विधानसभा चुनाव के दौरान लोग महायुति सरकार के काम से संतुष्ट थे। वहीं, 41 प्रतिशत लोगों ने तो यह तक कहा कि विधानसभा चुनाव के दौरान देवेंद्र फडणवीस की लोकप्रियता में भी खूब इजाफा हुआ।
इसके साथ महाराष्ट्र की प्रचंड जीत के लिए जो स्लोगन काम आए, उसको लेकर जब जनता से सर्वे में सवाल किया गया तो उसमें से 56 प्रतिशत जनता 'एक हैं तो सेफ हैं' और 25 प्रतिशत जनता 'बटेंगे तो कटेंगे' के साथ जुड़ती नजर आई। इसके साथ ही मैटराइज सर्वे के दौरान शामिल जनता में से 54 प्रतिशत ने बताया कि विधानसभा चुनाव परिणाम के दौरान भी उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी के चेहरे को ध्यान में रखकर ही वोटिंग की, जबकि मात्र 9 प्रतिशत लोगों ने बताया कि उन्होंने राहुल गांधी के चेहरे को ध्यान में रखकर इस दौरान मतदान किया।
इसके साथ ही लोगों ने यह भी बताया कि लोकसभा चुनाव में भाजपा की 240 सीटें आने के बाद भी जनता के बीच जिस तरह से पीएम नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता में इजाफा हुआ, उसका असर भी वोटिंग पर पड़ा। 55 प्रतिशत लोगों ने इस सर्वे में माना कि पीएम मोदी की जनता के बीच बढ़ती लोकप्रियता ने भी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा के लिए बंपर जीत सुनिश्चित की।
वहीं, हरियाणा विधानसभा चुनाव में भाजपा की बंपर जीत को लेकर जनता के बीच मैटराइज की तरफ से जो सर्वे किए गए, उसको लेकर सर्वे में शामिल हुई 52 प्रतिशत जनता ने माना कि भाजपा को लोकसभा में मत नहीं देने का उनका फैसला गलत साबित हुआ और इस वजह से विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा के पक्ष में जमकर वोटिंग की गई। जबकि, 24 प्रतिशत जनता ने बताया कि उनकी नाराजगी लोकसभा चुनाव के दौरान स्थानीय नेताओं से थी। इसके साथ ही 45 प्रतिशत लोगों ने यह भी माना कि हरियाणा में भाजपा के द्वारा सीएम का चेहरा बदलने का भी उसको लाभ मिला। जबकि, विधानसभा चुनाव को लेकर जब सर्वे में जनता से सवाल किया गया कि इस चुनाव में किसान, जवान और पहलवान के मुद्दे का कितना प्रभाव रहा तो सर्वे में शामिल 42 प्रतिशत लोगों ने कहा कि इसका चुनाव में कोई प्रभाव देखने को नहीं मिला।
सर्वे में 52 प्रतिशत लोगों ने बताया कि विधानसभा चुनाव परिणाम के दौरान भी उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी के चेहरे को ध्यान में रखकर ही वोटिंग की, जबकि 53 प्रतिशत लोगों ने माना कि पीएम मोदी की जनता के बीच बढ़ती लोकप्रियता ने भी हरियाणा विधानसभा चुनाव में भाजपा के लिए इस ऐतिहासिक जीत का रास्ता तैयार किया।