से बातचीत में पंडित राजू झा ने बताया, “अभी दिसंबर का महीना चल रहा है। पांच साल पहले जब चुनाव हुए थे, तो केजरीवाल ने कहा था कि हम यमुना नदी को साफ करा देंगे। पांच साल बीत चुके हैं। लेकिन, अभी तक नदी की सफाई की दिशा में किसी भी प्रकार का कदम नहीं उठाया गया है। यमुना नदी की दशा कुछ ऐसी है कि अगर कोई यहां आएगा, तो बीमार ही पड़ जाएगा, इसलिए हमारा सरकार से आग्रह है कि वो जल्द से जल्द यमुना को साफ करने की दिशा में कदम उठाए।”
वहीं, पंडित सुरेश कुमार झा ने से बातचीत में बताया, “यहां लोग कर्मकांड से जुड़े कार्यों को संपन्न करने आते हैं। लेकिन, यह दुख की बात है कि नदी में अभी भी बहुत गदंगी है। यहां दूर दूर तक गंदगी है। पिंड कहां पर प्रवाहित किया जाए। जो लोग कह रहे हैं कि यमुना नदी में साफ सफाई है, तो वो गलत कह रहे हैं। हर जगह यहां गंदगी दिख जाएगी। सरकार बस दावा कर देती है कि हम यमुना नदी को साफ कर देंगे। लेकिन, मौजूदा स्थिति को देखकर ऐसा बिल्कुल भी नहीं लगता है कि वो यमुना को साफ करने की स्थिति में हैं।”
यमुना के साथ आस्था भी जुड़ी हुई है। कई लोग आहत हैं। स्थानीय निवासी हवलदार विश्वकर्मा ने बताया था कि नदी का हालात देखते हुए उसमें हाथ धोने की हिम्मत नहीं हो रही है। यमुना नदी में हम आचमन करना चाहते हैं, लेकिन पानी इतना जहरीला लग रहा है कि वहां पर जाकर पूजा करने की हिम्मत नहीं हो रही। हमारा सरकार से अनुरोध है कि वह यमुना की सफाई का ध्यान रखे और उसका सौंदर्यीकरण करे।
एक अन्य स्थानीय निवासी ने कहा कि आज यमुना नदी गंदे नाले के रूप में दिखाई दे रही है। इसमें बहुत झाग, गंदगी और बदबू आ रही है। घाट की सुंदरता पूरी तरह से खत्म हो चुकी है। यह पानी बिल्कुल भी पीने या नहाने योग्य नहीं है। जहां तक इसमें डुबकी लगाने की बात है, लोग इस पानी के पास जाने और छूने से भी कतराते हैं। नदी से बहुत बदबू आ रही है।