रविवार को मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि वन नेशन वन इलेक्शन बिल पार्लियामेंट के सामने है। पार्लियामेंट इस पर बहस करे फिर किसी नतीजे पर आए। कुछ राज्यों में भी इसको पास करना होगा। हमें तो नहीं लगता कि इससे किसी को फायदा होगा। मुझे लगता है कि यह क्षेत्रीय दलों को कमजोर करने की कोशिश है।
जीएसटी काउंसिल के हिस्सा लेने के सवाल पर उन्होंने कहा कि अच्छा माहौल रहा। अच्छे फैसले हुए। इसके साथ ही प्री-बजट चर्चा भी हुई। उम्मीद है कि जो बातें हमने वित्त मंत्री के सामने रखी है, उस पर अमल किया जाएगा।
खुद गाड़ी चला के आयोजन स्थल पर पहुंचने के सवाल पर उन्होंने कहा कि मुझे याद है कि बचपन में मैंने देखा था कि राजीव गांधी भी गाड़ी चलाते थे। मुझे शौक है इसलिए मैं गाड़ी चलाता हूं।
आपको बताते चलें, 'वन नेशन वन इलेक्शन' विधेयक पर विचार के लिए संसद ने 39 सदस्यीय संयुक्त समिति का गठन किया है। इस समिति की अध्यक्षता पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा सांसद पीपी चौधरी करेंगे। समिति के 39 सदस्यों में भाजपा के 16, कांग्रेस के पांच, सपा, तृणमूल कांग्रेस और द्रमुक के दो-दो तथा शिवसेना, तेदेपा, जदयू, रालोद, लोजपा (रामविलास), जन सेना पार्टी, शिवसेना-यूबीटी, राकांपा-(सपा), माकपा, आप, बीजद और वाईएसआरसीपी के एक-एक सदस्य शामिल हैं।
इससे पहले केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने निचले सदन में लोकसभा और विधानसभा का चुनाव एक साथ कराने के प्रावधान वाले विधेयक को संसद की संयुक्त समिति के विचार के लिए भेजे जाने का प्रस्ताव रखा था।