सीएम योगी ने कहा कि महाकुंभ एक महापर्व के साथ-साथ प्रयागराज के लिए एक अवसर भी है कि वह अपने आतिथ्य सेवा का एक अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत करे। सीएम योगी ने प्रयागराज के लोगों से इस अवसर को एक सक्सेस स्टोरी में बदलने और प्रयागराज की ब्रांडिंग के लिए सहयोग का भी आह्वान किया।
पत्रकारों से वार्ता करते हुए सीएम योगी ने कहा कि सनातन गौरव के सबसे बड़े समागम महाकुंभ की तैयारी युद्धस्तर पर चल रही है। अब तक 20 हजार से अधिक संतों और संगठनों के साथ ही अन्य संस्थाओं को यहां पर रजिस्ट्रेशन करते हुए भूमि आवंटन के साथ जोड़ा गया है। इसमें सभी 13 अखाड़े, दंडीवाड़ा, आचार्य वाड़ा के साथ-साथ प्रयागवाल सभा और खाक चौक आदि को भूमि आवंटन की कार्रवाई की जा चुकी है। शेष अन्य लोगों को भी भूमि आवंटन की प्रक्रिया से जोड़ा जा रहा है। अन्य संस्थाओं के साथ ही नई संस्थाएं भी हैं, जिनको 5 जनवरी तक भूमि आवंटन किए जाने का प्रयास किया जा रहा है। भूमि और अन्य प्रकार की सुविधाओं के लिए पर्याप्त व्यवस्था डबल इंजन की सरकार कर रही है।
उन्होंने कहा कि पहली बार महाकुंभ में पांटून ब्रिज 22 से बढ़कर 30 हो रहे हैं, जिसमें 20 अब तक तैयार हैं और हर हाल में प्रयास है कि 30 दिसंबर तक सब सभी 30 के 30 पांटून ब्रिज बनकर तैयार हो जाएं। चेकर्ड प्लेट कुल 651 किलोमीटर की बिछनी थी, जिसमें 330 किलोमीटर की चेकर्ड प्लेट्स बिछाई जा चुकी है। इसका कार्य भी युद्धस्तर पर चल रहा है और यह भी समयबद्ध तरीके से आगे बढ़ेगा। साइनेजेस लगाने का कार्य भी युद्धस्तर पर चल रहा है। अब तक मेला क्षेत्र में 250 साइनेजेस लगाए जा चुके हैं, जबकि सिटी के अंदर भी 661 स्थानों पर साइनेजेज लगाने का कार्य हो चुका है। उत्तर प्रदेश जल निगम भी व्यापक कार्य कर रहा है।
उन्होंने बताया कि खासतौर पर यह प्रयास है कि अविरल और निर्मल गंगा के दर्शन हों, पर्याप्त मात्रा में संगम पर जल उपलब्ध होता रहे। अन्य वर्षों की तुलना में इस बार मां गंगा और मां यमुना ने बड़ी कृपा की है और काफी पर्याप्त मात्रा में जल मौजूद है। यही नहीं, जल शुद्ध है और स्नान व आचमन करने योग्य भी है। कहीं भी कोई सीवर, इंडस्ट्री का एफ्लुएंट या कोई ड्रेनेज नदी में ना गिरने पाए, इसके लिए जगह-जगह एसटीपी तो फंक्शनल हैं, बायोरेमेडिएशन की पद्धति के माध्यम से, जिओ ट्यूब के माध्यम से उनके शुद्धिकरण के कार्यक्रम को भी सुनिश्चित किया गया है।
सीएम योगी ने कहा कि यहां पर पावर कारपोरेशन द्वारा 24 घंटे विद्युत आपूर्ति के लिए 400 केवीए के 85 सब स्टेशन स्थापित किए जा रहे हैं, जिसमें से 77 स्थापित हो चुके हैं। 250 केवीए के 14 सब स्टेशनों में से 12 स्थापित किए जा चुके हैं। 100 केवीए के 128 सब स्टेशनों में से 94 स्थापित हो चुके हैं। अब तक एलटी लाइन 1,160 किलोमीटर, एचटी लाइन 160 किलोमीटर और एलइडी स्ट्रीट लाइट लगभग 48,000 स्थापित की जा चुकी है। यहां पर पहली बार मां गंगा का रिवर फ्रंट लोगों को देखने को मिलेगा। प्रयागराज में पहली बार रिवर फ्रंट और पक्के घाट बने हैं। ऐसे ही अरैल में भी एक घाट बन रहा है और प्रयास है कि 30 दिसंबर तक हर हाल में वह घाट बनाकर तैयार हो जाए।
सीएम ने कहा कि जितने भी स्थायी और अस्थायी कार्य होने थे, उन पर युद्ध स्तर पर कार्य चल रहा है। जेटी का निर्माण कार्य भी युद्ध स्तर पर चल रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने भी सौ बेड का एक अस्थायी अस्पताल स्थापित कर दिया है। इसके अलावा 25 बेड के हॉस्पिटल अलग-अलग स्थानों पर स्वास्थ्य विभाग बना रहा है। फर्स्ट एड बॉक्स की सुविधा भी प्रदान की जा रही है।
उन्होंने कहा कि महाकुंभ के दौरान पहली बार प्रयागराज आने वाले श्रद्धालुओं को कॉरिडोर के माध्यम से भी प्रयागराज की झांकी देखने को मिलेगी। अक्षयवट कॉरिडोर का प्रधानमंत्री मोदी के कर कमल से उद्घाटन हो चुका है। बड़े हनुमान जी यानी लेटे हुए हनुमान जी कॉरिडोर को भी श्रद्धालु देख सकेंगे। इसके साथ ही सरस्वती कूप कॉरिडोर, पातालपुरी कॉरिडोर, महर्षि भारद्वाज कॉरिडोर के अलावा श्रृंगवेरपुर में भगवान राम और निषाद राज कॉरिडोर तो विकसित हुए ही हैं, साथ ही द्वादश ज्योतिर्लिंग, नागवासुकि मंदिर और अन्य महत्वपूर्ण तीर्थ स्थलों के सुंदरीकरण और फसाड लाइटिंग के कार्य भी पूर्ण हो चुके हैं।
सीएम योगी ने कहा कि नगर निगम ने द्वादश ज्योतिर्लिंग की बहुत अच्छी रेप्लिका बनाई है। साथ ही, त्रिवेणी पुष्प का एक भव्य रूप उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग और परमार्थ आश्रम मिलकर तैयार कर रहे हैं। इसके अलावा टेंट सिटी के निर्माण का कार्य भी युद्ध स्तर पर चल रहा है। 20,000 श्रद्धालुओं के लिए प्रयागराज मेला प्राधिकरण टेंट सिटी स्थापित कर रहा है। अन्य विशिष्ट जनों के लिए भी लगभग 5 से 6 हजार क्षमता वाले टेंट अलग-अलग स्थान पर बनाए जा रहे हैं। प्रयागराज मेले में सुरक्षा की भी पुख्ता व्यवस्था की गई है। पहली बार आपदा मित्रों की तैनाती हुई है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के साथ आपदा मित्र भी पूरे मेले में श्रद्धालु जनों के सहयोग के लिए अपनी सेवा प्रदान करते दिखाई देंगे।