पहला घरेलू मैच 26 अक्टूबर से 29 अक्टूबर तक कर्नाटक के खिलाफ होगा, इसके बाद दूसरा मैच 6 नवंबर से 9 नवंबर तक मध्य प्रदेश के खिलाफ होगा।
पटना के मोइन उल हक स्टेडियम में खेले जा रहे मैचों के साथ, घरेलू लाभ बिहार की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और यही कारण है कि बीसीए सभी बाधाओं के बावजूद घरेलू मैदान पर मैचों की मेजबानी कर रहा है।
यह स्टेडियम वर्तमान में बिहार क्रिकेट टीम का घरेलू मैदान है और 1969 में अपनी स्थापना के बाद से नौ अंतरराष्ट्रीय मैचों का स्थल रहा है। बिहार क्रिकेट एसोसिएशन (बीसीए) के अध्यक्ष राकेश तिवारी ने कहा, "हम मोइन-उल-हक स्टेडियम में रणजी ट्रॉफी मैचों की मेजबानी करके रोमांचित हैं। हम खिलाड़ियों को उनके घरेलू मैदान में खेलते देखकर उत्साहित हैं। हमें यह भी विश्वास है कि बिहार की टीम आगामी घरेलू मैचों में कड़ी टक्कर देगी।"
मोइन उल हक स्टेडियम में होने वाले आगामी रणजी ट्रॉफी मैच बिहार की टीम को बहुत जरूरी घरेलू लाभ देंगे। बिहार की टीम ने पिछले दो सीजन में प्लेट मैचों के दौरान घरेलू दर्शकों के सामने खेला था, जिससे टीम को घरेलू लाभ मिला।