एप्पल की यह सहायक कंपनी रिसर्च, डिजाइन, टेस्टिंग-प्रोवाइडिंग और थर्ड पार्टी के निर्माताओं को सहायता देने को लेकर काम करेगी।
बाजार के जानकारों के अनुसार, एप्पल का भारत में रिसर्च और डेवलपमेंट सुविधा स्थापित करने का कदम महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे कंपनी को लोकल मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम को समझने, मूल उपकरण निर्माताओं (ओईएम) के साथ बेहतर ढंग से जुड़ने और भारत-स्पेसिफिक उत्पाद और समाधान बनाने में मदद मिलेगी।
वर्तमान में एप्पल के पास अमेरिका, चीन, जर्मनी और इजरायल में रिसर्च और डेवलपमेंट सुविधाएं हैं। कंपनी ने रिसर्च और डेवलपमेंट को लेकर भारत की अपनी भविष्य की योजनाओं पर फिलहाल कोई जानकारी नहीं दी है।
साइबरमीडिया रिसर्च (सीएमआर) के वीपी-इंडस्ट्री रिसर्च ग्रुप, प्रभु राम के अनुसार, जिस तरह से चीन ने अतीत में एप्पल के विकास को बढ़ावा दिया, उसी तरह भारत अगले दशक में भी ऐसा ही करने के लिए तैयार है।
राम ने को बताया, "इस वृद्धि की वजह केवल रिटेल और मार्केटिंग ही नहीं है, बल्कि मजबूत आरएंडडी ऑपरेशन भी है। भारत-केंद्रित आरएंडडी पर ध्यान केंद्रित कर, एप्पल भारतीय ग्राहकों और उससे आगे की आकांक्षाओं को पूरा करते हुए इनोवेशन के अगले स्तर को बढ़ावा दे रहा है।"
एप्पल भारत और वियतनाम में अपनी मैन्युफैक्चरिंग योजनाओं को तेजी से आगे बढ़ा रहा है। व्यापार करने में आसानी और अनुकूल लोकल मैन्युफैक्चरिंग नीतियों से उत्साहित, एप्पल के 'मेक इन इंडिया' आईफोन पिछले सभी निर्यात रिकॉर्ड तोड़ रहे हैं।
कंपनी के सीईओ टिम कुक के अनुसार, भारत में चार और खुद के ब्रांडेड रिटेल स्टोर खोलने की तैयारी है।
वित्त वर्ष 2024 की चौथी तिमाही के दौरान कुक ने कहा, "हम भारत में जो उत्साह देख रहे हैं, उससे हम उत्साहित हैं, जहां हमने अब तक का सबसे बड़ा राजस्व रिकॉर्ड बनाया है। एप्पल के लिए यह इनोवेशन का एक असाधारण वर्ष रहा है। हम भारत में ग्राहकों के लिए चार नए स्टोर खोलने का इंतजार नहीं कर सकते।"
कुक ने कहा, "हम शिक्षा के प्रति जुनूनी हैं और मानते हैं कि शिक्षकों को अपने छात्रों को प्रेरित करने और छात्रों को अपने आसपास की दुनिया के बारे में जानने में मदद करने में टेक्नोलॉजी की महत्वपूर्ण भूमिका है।"
लेटेस्ट इंडस्ट्री आंकड़ों के अनुसार, टेक दिग्गज भारत से निर्यात के वित्त वर्ष 2024 के आंकड़ों को पार करने की राह पर है, जो इस वित्त वर्ष (वित्त वर्ष 25) के पहले छह महीनों में 50,000 करोड़ रुपये (6 बिलियन डॉलर से अधिक) तक पहुंच गया है।
भारत से आईफोन निर्यात 2022-23 में 6.27 बिलियन डॉलर से बढ़कर 2023-24 में 10 बिलियन डॉलर को पार कर गया। कुल मिलाकर, आईफोन निर्माता का भारत परिचालन पिछले वित्त वर्ष (वित्त वर्ष 24) में 23.5 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया।
एप्पल ने पिछले वित्त वर्ष में भारत में 14 बिलियन डॉलर के आईफोन असेंबल किए और 10 बिलियन डॉलर से अधिक मूल्य के डिवाइस निर्यात किए।