श्याम रजक रविवार को जेडीयू में शामिल हो गए। पार्टी के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय कुमार झा ने उन्हें जेडीयू में शामिल कराते हुए पार्टी की सदस्यता दिलाई।
श्याम रजक पहले भी जेडीयू में थे। लेकिन, वे बाद में आरजेडी में शामिल हो गए थे। हालांकि, उन्होंने कुछ समय तक आरजेडी में रहने के बाद पार्टी से इस्तीफा दे दिया।
जेडीयू में शामिल होने के बाद श्याम रजक ने कहा, "मैंने आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर पार्टी के लिए काम करना शुरू कर दिया है और मुझे उम्मीद है कि 2025 में होने वाले आगामी चुनाव में फुलवारी शरीफ सीट से चुनाव लड़ूंगा।"
श्याम रजक ने आरजेडी पर आरोप लगाया कि वह एक परिवार की पार्टी बनकर रह गई है। उन्होंने कहा, “मैं शतरंज का शौकीन नहीं हूं, वहां सिर्फ मोहरे चलते हैं, वहां किसी भी कार्यकर्ता की नहीं चलती है। पार्टी जो भी तय करेगी, उसी के तहत मैं काम करुंगा।”
बता दें कि श्याम रजक बिहार में राजद-कांग्रेस की सरकार में ऊर्जा मंत्री रहे थे। 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव से पहले वह आरजेडी में शामिल हुए थे। उन्हें उम्मीद थी कि वह फुलवारी शरीफ विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे। लेकिन, गठबंधन में सीट बंटवारे के तहत फुलवारी शरीफ सीट सीपीआई-एमएल को दे दी गई थी।
श्याम रजक छह बार के विधायक रहे हैं और फुलवारी इलाके में उनका खासा प्रभाव है। आरजेडी में रहते हुए उन्हें 2024 लोकसभा में भी तगड़ा झटका लगा। वो समस्तीपुर या जमुई में से किसी एक संसदीय सीट से चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन उन्हें यहां से मैदान में नहीं उतारा गया। इन्हीं सब वजहों से आरजेडी से नाराजगी के चलते उन्होंने पार्टी छोड़ने का फैसला किया और जेडीयू का दामन थाम लिया। वो लंबे समय तक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ काम कर चुके हैं।