5 देश रत्न मार्ग पर स्थित बंगला बिहार के उप-मुख्यमंत्री को दिया जाता है। यह एक सरकारी बंगला है। पहले इसमें बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव रहा करते थे। लेकिन, अपने पद से इस्तीफा देने के बाद अब वो यह बंगला खाली कर चुके हैं, जिसके बाद अब इसे बिहार के मौजूदा डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी को आवंटित किया गया है।
इस बीच, तेजस्वी यादव पर यह भी आरोप लगे कि वो सरकारी बंगले में मौजूद सारा सामान अपने साथ ले गए। लेकिन, राष्ट्रीय जनता दल ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। राजद ने अपनी तरफ से बयान जारी कर कहा कि भाजपा अपनी घटिया राजनीति के तहत इस तरह के झूठे आरोप लगा रही है, जिसमें बिल्कुल भी सत्यता नहीं है। हम इस तरह की राजनीति को बिल्कुल भी स्वीकार नहीं कर सकते हैं। राजद ने अपने बयान में यह भी कहा कि अगर भाजपा को लगता है कि इस तरह के बयान से उसे राजनीतिक मोर्चे पर किसी तरह का फायदा पहुंचेगा, तो यह उसकी गलतफहमी है, जिससे भाजपा के नेताओं को मुंह मोड़ लेना चाहिए।
बता दें कि बिहार में पहले महागठबंधन की सरकार थी, लेकिन जनवरी 2024 में प्रदेश में राजनीतिक परिस्थिति बदली। इसके बाद, नीतीश कुमार ने भाजपा के साथ जाने का मन बना लिया, जिसके बाद तेजस्वी यादव को डिप्टी सीएम के पद से इस्तीफा देना पड़ा। इसके बाद, सम्राट चौधरी को डिप्टी सीएम की कमान सौंपी गई। नियमों के अनुरूप, संवैधानिक पदों पर बैठे किसी भी नेता को सरकारी आवास मुहैया कराया जाता है। इसी कड़ी में अब यह सरकारी बंगला सम्राट चौधरी को मुहैया कराया गया है।
भारतीय राजनीति में सरकारी बंगले को लेकर विवाद कोई नई बात नहीं है। दिल्ली में भी सरकारी बंगले को लेकर खूब सियासी उठापटक देखने को मिल रही है, दिल्ली के मुख्यमंत्री के सरकारी बंगले को सील कर दिया गया। भाजपा का कहना था कि सीएम आतिशी को केंद्र की ओर से कोई भी बंगला आवंटित नहीं किया गया है। लेकिन, इसके बावजूद वो यहां रहने आ गईं, जिसे किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं किया जा सकता है। इसके बाद आतिशी ने अपने बयान में कहा था कि हम बंगला या गाड़ी के लिए राजनीति में नहीं आए हैं, बल्कि हमारा मूल उद्देश्य जनता की सेवा करना है, जिसे हम किसी भी कीमत पर करके रहेंगे। हमें ऐसा करने से कोई नहीं रोक सकता है।