उन्होंने कहा, “झारखंड में मौजूदा समय में परिवर्तन की आवश्यकता है और यह परिवर्तन आगामी दिनों में जमीन पर देखने को मिलेगा।”
इसी बीच, जब उनसे यह पूछा गया कि आप खुद को एक नेता के रूप में बेहतर मानते हैं या अभिनेता के रूप में, तो उन्होंने कहा कि देखिए मैं खुद को नेता नहीं मानता हूं। मैं खुद को आज भी एक अभिनेता के रूप में ही देखता हूं। सिर्फ मुझे जो भी आदेश शीर्ष स्तर से दिया जाता है, उसका मैं निर्वहन निष्ठापूर्वक तरीके से करता हूं।
इस दौरान जब उनसे पूछा गया कि जब आप खुद को एक नेता के रूप में नहीं देखते हैं, तो क्या यह मान लिया जाए कि मिथुन दा की अपनी कोई भी राजनीतिक महत्वाकांक्षा नहीं है, तो इस पर उन्होंने कहा कि नहीं, बिल्कुल भी नहीं, मैं इस बात को स्वीकार करता हूं कि मेरी राजनीतिक महत्वाकांक्षा है, इसलिए मैं तमाम दुश्वारियों को मात देकर राजनीति में आया हूं।
उन्होंने कहा कि मैं कोलकाता से रांची आया हूं। मुझे पूरे दो घंटे लगे हैं यहां आने में। अगर मैं आज इतनी तकलीफ उठा रहा हूं, तो मैं झारखंड के लोगों के लिए उठा रहा हूं, ताकि उनका भला हो सके। आज जो मुझे भीड़ दिखी है, उससे यह साफ जाहिर हो रहा है कि प्रदेश में मौजूदा समय में परिवर्तन की बयार बह रही है।
बता दें कि झारखंड में दो चरणों में विधानसभा के चुनाव होने हैं। पहले चरण का चुनाव 13 नवंबर को और दूसरे चरण का 20 नवंबर को होगा। इसके बाद नतीजों का ऐलान 23 नवंबर को होगा।