दरअसल, मरोड़ा गांव दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से सटा हुआ है। यहां के किसान बीते कई सालों से मूली की खेती कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि तीन महीने के अंदर किसान लगभग 50 हजार रुपये कमाते हैं, जिससे उनका जीवन सुधर रहा है।
किसान यासीर ने बताया कि यहां मूली की खेती लंबे समय से की जा रही है और इसकी डिमांड भी बहुत अधिक है। ठंड के समय यहां मूली की खेती की जाती है और इसका कारोबार कर रोजाना 500 से एक हजार रुपये कमाया जाता है।
ग्रामीण मुश्ताक ने कहा कि मूली की खेती कई एकड़ में होती है। यहां की मूली की मांग अधिक होने की वजह से अधिकतर लोग इसकी खेती करते हैं।
ग्राहक अजहरुद्दीन ने बताया कि मूली तो पूरे जिले में मिलती है, लेकिन मरोड़ा की मूली की डिमांड अधिक होती है। यहां की मूली स्वादिष्ट होती है, इसलिए यहीं से ही मूली खरीदी जाती है। पिछले 50 सालों से यहां मूली की खेती की जा रही है।
ग्राहक जफरुद्दीन ने कहा कि मरोड़ा गांव की मूली में स्वाद होता है और इसी की वजह से इसकी डिमांड अधिक है। मैं पिछले 10 सालों से इसी गांव से ही मूली खरीद रहा हूं।
नूंह के किसान मूली के अलावा ज्वार-बाजरे की फसल भी करते हैं। इसकी कटाई के बाद ही वह खेत में मूली की फसल लगाते हैं और इसके बाद गेहूं की बुवाई करते हैं।