जब अबू आजमी से मौलाना सलमान अजहरी के बारे में सवाल पूछा गया, जिन्होंने महाविकास आघाडी के समर्थन में वोट की अपील की थी, तो उन्होंने कहा कि अजहरी का कोई बयान विवादित नहीं है। अबू आजमी ने कहा कि जो लोग पैगंबर मुहम्मद के खिलाफ गलत बातें कहते हैं, क्या वो विवादित नहीं हैं? क्या मस्जिद में घुसकर मारने की धमकी देना, या कुरान शरीफ को न पढ़ने देना विवादित बयान नहीं हैं? अजहरी ने कभी ऐसा कुछ नहीं कहा, वह पाक साफ हैं।
उन्होंने कहा कि अजहरी को जानबूझकर मुसलमान होने के नाते आरोपित किया गया है, वह न्यायिक प्रक्रिया के तहत जमानत पा चुके हैं। अगर कोई देश के खिलाफ बात करता है, तो उस पर मुकदमा चलना चाहिए, लेकिन अजहरी के बयान में ऐसा कुछ नहीं था।
अबू आजमी से जब यह पूछा गया कि क्या वह एक खास समुदाय को टार्गेट कर वोट मांग रहे हैं, तो उन्होंने इसका विरोध करते हुए कहा कि मैं ऐसे लोगों से मिलता हूं जो देश के संविधान की रक्षा करने के लिए काम कर रहे हैं। मुझे देश में हिंदू-मुस्लिम, सिख-ईसाई की एकता चाहिए। अगर कोई यह कहता है कि हमें 400 पार सीट दो, हम देश के संविधान को बदल देंगे, तो मैं उनके खिलाफ खड़ा हूं। मेरा उद्देश्य किसी खास समुदाय को खुश करना नहीं है, बल्कि देश की एकता को बनाए रखना है।
उत्तर प्रदेश में होने वाले उपचुनावों से पहले समाजवादी पार्टी की ओर से चुनाव आयोग को एक पत्र भेजा गया था, जिसमें महिलाओं के बुर्के की जांच को लेकर आपत्ति उठाई गई है। अबू आजमी ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि किसी महिला का बुर्का सार्वजनिक स्थान पर उतारना गलत है। अगर चेहरा देखना है, तो महिला कर्मचारी को निजी कक्ष में रखकर यह किया जा सकता है, लेकिन सार्वजनिक रूप से बुर्का हटाना उचित नहीं है।
अबू आजमी से जब मानखुर्द और शिवाजी नगर में ड्रग्स के मुद्दे पर सवाल पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि ड्रग्स सिर्फ मानखुर्द में नहीं, बल्कि पूरे देश में हैं। यह पुलिस की जिम्मेदारी है कि वह ड्रग्स पर काबू पाएं। हमारी मांग पर गृह मंत्री ने पुलिस स्टेशन में एक विशेष टीम बनाई है। मानखुर्द शिवाजी नगर को बदनाम करना गलत है।
अनिल देशमुख पर हुए हमले को लेकर उन्होंने कहा कि यह तो बस गुंडागर्दी और दादागिरी की एक घटना है। भाजपा वाले जो चाहें कर सकते हैं, लेकिन अगर हम किसी से बात करें, तो उन्हें तकलीफ होती है। चुनावी माहौल में इस तरह की घटनाएं देश के लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं हैं।
तिरुपति में प्रसाद में मिलावट के बाद प्रशासन की ओर से यह घोषणा की गई कि प्रसाद बनाने वाले समूह में अब कोई गैर-हिंदू सदस्य नहीं होंगे। इस पर अबू आजमी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "यह सब नफरत फैलाने वाली बातें हैं। इनका उद्देश्य हिंदू और मुसलमानों के बीच भेदभाव पैदा करना और समाज में ध्रुवीकरण करना है। वे मुसलमानों को अलग-थलग करके वोटबैंक की राजनीति करना चाहते हैं। मैं समझता हूं कि ऐसी नफरती साजिशों पर पूरी तरह से रोक लगनी चाहिए।"